
हिमाचल प्रदेश में सरकार अब अनुबंध नहीं, ट्रेनी भर्ती करेगी. ये ट्रेनी अवधि का एग्रीमेंट दो साल का ही होगा. वहीं पे मैट्रिक्स का 60 फीसदी वेतन मिलेगा, ये उसी तरह होगा जैसा अनुबंध के दौरान मिलता था. हिमाचल में अनुबंध भर्ती नीति का हिमाचल सरकार ने समाप्त कर दिया है. इसकी जगह राज्य सरकार ने ट्रेनी भर्ती की नई नीति को अधिसूचित किया है. कार्मिक विभाग के सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, मंडल आयुक्तों, जिलाधीशों और निगम बोर्डों के अलावा सरकार की दो भर्ती एजेंसियों-राज्य चयन आयोग और लोक सेवा आयोग को यह नई नीति भेज दी गई है. इस नीति के तहत राज्य सरकार अब अनुबंध की जगह ट्रेनी भर्ती करेगी. चयनित उम्मीदवार नौकरी अनुबंध की ही तरह एक एग्रीमेंट साइन करेगा. इस पॉलिसी के दायरे में वह सभी सरकारी पद आ जाएंगे जिन युवाओं को नौकरी ऑफर हो चुकी है, या जिन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. भर्ती करने वाले आयोग नए नियमों का इंतजार किए बिना अपनी प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं. इस नीति के तहत भरे जाने वाले पद के आगे ट्रेनी शब्द लगेगा और उनके नियमितीकरण के लिए सरकार अलग से निर्देश जारी करेगी.
कितना वेतन मिलेगा?
ट्रेनी अवधि का एग्रीमेंट दो साल का ही होगा. ट्रेनी कर्मचारियों को पे मैट्रिक्स का 60 फीसदी वेतन मिलेगा, ये उसी तरह होगा जैसा अनुबंध के दौरान मिलता था. उनकी छुट्टियां भी अनुबंध कर्मचारियों की तरह ही रहेंगी. नवीन ट्रेनी कर्मचारियों को हर महीने एक अवकाश, 10 मेडिकल लीव, और 5 स्पेशल लीव का प्रावधान मिलेगा. महिला कर्मचारियों को यदि उनके दो से कम बच्चे हैं, तो उन्हें 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा, जबकि दो से अधिक बच्चों पर यह अवकाश 45 दिन का ही रहेगा.
यदि कोई कर्मचारी बिना सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है या उसका कार्य प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया जाता, तो उसे सीधे बर्खास्त किया जा सकता है. हालांकि, टर्मिनेशन ऑर्डर मिलने के 45 दिनों के भीतर कर्मचारी ऊंचे अधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है.
टीए-डीए का लाभ भी मिलेगा
विभागीय यात्राओं के दौरान इन ट्रेनी कर्मियों को टीए-डीए का लाभ भी दिया जाएगा. यह निर्णय हिमाचल विधानसभा से पारित विधेयक के अनुपालन में लिया गया है, और अब भविष्य में राज्य में किसी भी पद पर कांट्रैक्ट आधार पर भर्ती नहीं की जाएगी. इससे प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया में एकरूपता आएगी और स्थायित्व की दृष्टि से यह व्यवस्था अधिक व्यावसायिक मानी जा रही है.
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि 20 फरवरी 2025 के बाद जिन नियुक्तियों के लिए अनुबंध आधार पर प्रस्ताव भेजे गए थे या जिन पदों की चयन प्रक्रिया एजेंसियों द्वारा जारी है, वे सभी इस नई गाइडलाइन के अंतर्गत आएंगे. यह निर्णय हाल ही में लागू किए गए हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा की शर्तें अधिनियम 2024 के तहत लिया गया है जो 20 फरवरी 2025 से प्रभावी हुआ है. अधिनियम के कुछ प्रावधानों को 12 दिसंबर 2003 से लागू माना गया है.