युगेंद्र पवार ने बारामती सीट से दाखिल किया नामांकन, शरद पवार बोले- ‘लोगों पर पूरा भरोसा…’

बारामती सीट से शरद पवार की पार्टी से उनके पोते युगेंद्र पवार ने नामांकन दाखिल किया है. उनका मुकाबला उपमुख्यमंत्री और चाचा अजित पवार से होगा.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) चीफ शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार ने सोमवार को बारामती विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. युगेंद्र अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद बारामती सीट पर पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच यह दूसरी चुनावी लड़ाई है. लोकसभा चुनाव में एनसीपी(SP) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराया था.

अपनी पारिवारिक परंपरा का पालन करते युगेंद्र पवार ने नामांकन दाखिल करने से पहले बारामती के एक मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचे. वहीं अपने पोते के नामांकन के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि मुझे बारामती के लोगों पर पूरा भरोसा है. वे लगातार मुझे राजनीतिक ताकत दे रहे हैं. इसकी शुरूआत 1965 में हुई थी. मैंने यहां से कई चुनाव लड़े हैं पहले मैं प्रचार करता था लेकिन अब मेरे लिए यहां के लोग प्रचार की जिम्मेदारी निभाते हैं.

‘युगेंद्र की बड़े अंतर से जीत सुनिश्चित करेंगे’

शरद पवार ने आगे कहा कि मुझे बारामती के नागरिकों पर पूरा भरोसा है वे इस चुनाव में एमवीए उम्मीदवार युगेंद्र की बड़े अंतर से जीत सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि बारामती के मतदाताओं को उनसे बेहतर कोई नहीं समझता. वहीं महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग को लेकर फंसे पेंच पर शरद पवार ने कहा कि अधिकांश सीटों पर सहमति बन गई थी और कुछ सीटों पर चर्चा चल रही थी इसलिए जिन सीटों पर फैसला नहीं हो पाया उनपर नामांकन दाखिल करने का निर्णय लिया गया. वहीं उन सीटों पर अंतिम फैसला होने के बाद उम्मीदवारी वापस भी ली जा सकती है.

‘बारामती हमेशा शरद पवार के साथ जुड़ा हुआ है’

युगेंद्र पवार के नामांकन में शामिल हुए सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि बारामती के मतदाता हमेशा एनसीपी (SP) के साथ खड़ें हैं. बारामती हमेशा शरद पवार के साथ जुड़ा हुआ है. यहां के मतदाता पिछले 55 सालों से शरद पवार के साथ खड़े हैं.

वहीं युगेंद्र पवार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि बारामती के लोग मेरा साथ दें मैं हमेशा उनके लिए काम करता रहूंगा. उन्होंने शरद पवार को अपना गुरु, मार्गदर्शन और आदर्श बताया. साथ ही कहा कि मैं नहीं सोच रहा कि मेरे सामने चुनौती कितनी बड़ी है. लेकिन मैं हमेशा केवल शरद पवार के साथ रहना चाहता हूं.

Related Articles

Back to top button