CM केजरीवाल की रिहाई से AAP में उत्साह, मिलेगी प्रचार को धार। हरियाणा के चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। हरियाणा में पिछले दस साल से भाजपा की सरकार है। सरकार के खिलाफ का वोट अब तक कांग्रेस के पास जा रहा था। मगर केजरीवाल के बाहर आने से स्थिति बदल सकती है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच आप नेता व दिल्ली सीएम केजरीवाल शुक्रवार को जेल से बाहर आ गए हैं। उनके बाहर आने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जोश में हैं। अब वह विधानसभा के चुनाव प्रचार में कूद जाएंगे।
हरियाणा को कवर करने की कोशिश-
एक दर्जन से ज्यादा रैलियों व जनसभाओं से पूरे हरियाणा को वह कवर करने की कोशिश करेंगे। उनके आक्रमक प्रचार से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को मजबूती मिलेगी। इससे कांग्रेस को थोड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
CM की रिहाई-
अरविंद केजरीवाल पूरे हरियाणा में प्रचार करेंगे। इससे भाजपा के खिलाफ पड़ने वाला वोट आप के खाते में आना तय है। पिछले विधानसभा चुनाव में जजपा मजबूत स्थिति में थी। 2019 के चुनाव में जजपा ने दस सीटें जीती और 23 विधानसभा सीट ऐसी थी, जहां उसने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया। इसलिए आप को कमजोर नहीं आंका जा सकता।
CM फेस घोषित कर सकती है पार्टी –आम आदमी पार्टी ने अभी तक मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया है। इससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़ रहा है। केजरीवाल बाहर आ गए हैं। अब माना जा रहा है कि पार्टी हरियाणा के लिए सीएम फेस घोषित कर सकती है। पंजाब और दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सीएम फेस पहले ही घोषित कर रखा था। इससे उन्हें फायदा भी मिला था।
डा. रजिंद्र शर्मा का बयान-
पिछले चुनाव के आंकड़ों को देखकर लगता नहीं है कि केजरीवाल की वजह से पार्टी को कोई ज्यादा फायदा होगा। 2014 और 2019 के चुनाव में भी केजरीवाल काफी सक्रिय थे। वे उस समय जेल में नहीं बंद थे बल्कि उस दौरान उनका प्रभाव ज्यादा था। इसके बावजूद पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हुआ। पार्टी के पास कोई नेतृत्व नहीं है। दो से चार सीटों पर यदि आप को फायदा होता भी है तो इसका नुकसान कांग्रेस को ही होगा।
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