
पंजाब में राजनीतिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार मनरेगा में किए जा रहे बदलाव के खिलाफ केंद्र की भाजपा सरकार को घेर रहे हैं। मनरेगा में किए गए संशोधन के खिलाफ बुलाए गए विशेष सत्र से एक दिन पहले मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित की गई बैठक शुरू हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि केंद्र सरकार के नए कानून ‘विकसित भारत जी-राम जी’ पर सत्र केंद्रित रहेगा। जिसका पंजाब सरकार खुलकर विरोध कर रही है।19 दिसंबर को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा किया था।
उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने गरीबों की रोजी-रोटी का सहारा बनी मनरेगा योजना को बदलने का प्रयास किया है, जिससे गरीबों के घरों में चूल्हा ठंडा हो सकता है।
जनवरी में बुलाते तो गवर्नर का भाषण जरूरी होता
मुख्यमंत्री ने पहले घोषणा की थी कि इस अन्याय के खिलाफ जनवरी के दूसरे सप्ताह में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। लेकिन इसे बाद में 30 दिसंबर 2025 को बुलाने का निर्णय लिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये सत्र जनवरी में बुलाया जाता तो ऐसे में गवर्नर का भाषण करवाना जरूरी था। इसी से बचने के लिए पंजाब सरकार ने इसे 30 दिसंबर को बुलाने का फैसला किया है।
जल्द कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया करेंगे बैठक
मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही कैबिनेट मिनिस्टर हरदीप सिंह मुंडियां प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं। इसमें वह कैबिनेट की तरफ से 30 दिसंबर को बुलाए गए सत्र को लेकर लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे।



