
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को एक नवाचार-संचालित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में किए गए सुधारों का प्रभाव अब दिखाई देने लगा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार (3 नवंबर) को रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) में प्राइवेट क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान, विकास और नवाचार कोष की शुरुआत की घोषणा की. यह घोषणा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन में की गई, जिसका उद्देश्य नीति निर्माताओं और वैश्विक विचारकों को एक मंच पर लाकर विकसित भारत 2047 के विजन को आगे बढ़ाना है.
पीएम मोदी ने भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली एक कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए एक विजन दस्तावेज़ जारी किया. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग आरडीआई कोष के लिए नोडल मंत्रालय है. रिसर्च के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के अंतर्गत एक विशेष प्रयोजन कोष स्थापित किया जाएगा, जिसमें 1 लाख करोड़ रुपये की राशि होगी.
कैसे काम करेगा RDI फंड?
यह कोष सीधे कंपनियों या स्टार्टअप्स में निवेश नहीं करेगा, बल्कि पूंजी को दूसरे स्तर के कोष प्रबंधकों को हस्तांतरित करेगा. ये प्रबंधक वैकल्पिक निवेश कोष, विकास वित्त संस्थान या एनबीएफसी हो सकते हैं. ये द्वितीय-स्तरीय फंड मैनेजर वित्त, व्यापार और प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञों से बनी निवेश समितियों के माध्यम से समर्थन संबंधी सिफारिशें प्रस्तुत करेंगे. ये समितियां सरकार से दूरी बनाकर काम करेंगी.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को एक नवाचार-संचालित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में किए गए सुधारों का प्रभाव अब प्रमुख संकेतकों पर दिखाई देने लगा है. उन्होंने कहा कि भारत अब तकनीक का उपभोक्ता नहीं, बल्कि तकनीक-संचालित परिवर्तन में भी काफी आगे है.
‘भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा’
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत का अनुसंधान एवं विकास खर्च दोगुना हो गया है, जबकि पंजीकृत पेटेंटों की संख्या लगभग 17 गुना बढ़ गई है. उन्होंने आगे कहा कि भारत अब दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम का मेजबान है, जिसमें 6,000 से अधिक डीपटेक स्टार्टअप स्वच्छ ऊर्जा, उन्नत सामग्री और अन्य अग्रणी तकनीकों जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है.



