PoK में अब आएगी कीचड़ की बाढ़, बगलिहार बांध से निकलेगी 16 सालों से जमा गंदगी

पहले डी-सिल्टिंग करने के लिए भारत को पाकिस्तान की इजाजत मांगनी पड़ती थी. ऐसे अब भारत को डी सिल्टिंग करने के लिए पाकिस्तान के हामी भरने का इंतजार नहीं करना होगा.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत हर तरफ से पाकिस्तान को घेरने की तैयारी में है. भारत सरकार ने सिंधु जल संधि तोड़ने के बाद चिनाब नदी का पानी भी पाकिस्तान जाने से रोक दिया है. भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध और सलाल बांध के गेट पूरी तरह से बंद कर दिए हैं. चिनाब नदी पर बने बगलियार प्रोजेक्ट को 2008 में कमीशन किया गया था. 2008 के बाद से अब तक इसकी डी-सिल्टिंग नहीं हुई थी. 

PoK में आएगी कीचड़ की बाढ़

इससे पहले डी-सिल्टिंग करने के लिए भारत को पाकिस्तान की इजाजत मांगनी पड़ती थी. ऐसे अब भारत को डी-सिल्टिंग करने के लिए पाकिस्तान के हामी भरने का इंतजार नहीं करना होगा. इसके चलते अब भारत की ओर से डी-सिल्टिंग किए जाने पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कीचड़ की बाढ़ आ जाएगी.

कभी भी पूरी डी-सिल्टिंग की इजाजत नहीं मिली

सिंधु जल संधि में डी-सिल्टिंग से पहले पाकिस्तान की रजामंदी का प्रावधान था. पाकिस्तान ने अब तक कभी भी पूरी डी-सिल्टिंग की इजाजत नहीं दी. सिंधु जल संधि रद्द होने के बाद पावर जेनरेशन बढ़ाने के लिए पूरी डी-सिल्टिंग की गई. पावर जेनरेशन के लिए जरूरी 840 फीट तक पानी को इस बांध में रोका जाएगा. पानी के पूरी तरह से पॉन्डिंग होने के बाद गेट खोले जाएंगे.

पानी को निर्धारित कैपेसिटी तक भरने के बाद टनल के जरिए पानी को टरबाइन तक ले जाकर बिजली बनाई गई और उसके बाद एक टनल के जरिए ही इस पानी को चिनाब नदी में छोड़ा गया. इस बांध में पांच गेट हैं. पानी को नदी में डालने के लिए फिलहाल गेट नहीं खोला गया है क्योंकि अगर यह गेट खोले गए तो निर्धारित कैपेसिटी कम हो जाएगी. निर्धारित कैपेसिटी तक पानी भरने के बाद टनल के जरिए बिजली की प्रोडक्शन शुरू किया गया है और और टरबाइन पर गिराए गए पानी को ही एक नहर के जरिए चेनाब नदी में छोड़ा गया.

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