PARIS OLYMPIC: विनेश फोगाट मामले पर आया WFI अध्यक्ष संजय सिंह का बयान.

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को महिला 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य करार दिया गया था। उनका वजन कैटेगरी से 100 ग्राम अधिक पाया गया था। इसके बाद उन्होंने खेल पंचाट (सीएएस) से संयुक्त रजत पदक देने की अपील की थी।

विनेश फोगाट मामले पर मंगलवार रात आने वाला फैसला तीसरी बार टल गया। अब इस पर निर्णय 16 अगस्त को रात 9:30 बजे तक आएगा। इस बीच भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने उम्मीद जताई कि फैसला विनेश फोगाट के पक्ष में आएगा। उन्होंने  कहा कि महासंघ चाहता है कि फैसला उनके पक्ष में हो, क्योंकि यह देश का पदक है।

16 अगस्त को सुनाया जा सकता है फैसला –

बता दें कि, भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को महिला 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल से पहले अयोग्य करार दिया गया था। उनका वजन कैटेगरी से 100 ग्राम अधिक पाया गया था। इसके बाद उन्होंने खेल पंचाट (सीएएस) से संयुक्त रजत पदक देने की अपील की थी। इस मामले पर अब 16 अगस्त को रात 9:30 बजे तक फैसला सुनाया जा सकता है। वहीं, फाइनल से पहले बाहर होने के बाद विनेश ने सोशल मीडिया पर संन्यास की घोषणा की थी। अब विनेश को खेल पंचाट से न्याय मिलने की उम्मीद है। 

IOA ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “सीएएस के तदर्थ प्रभाग के अध्यक्ष ने विनेश फोगाट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति मामले में एकमात्र मध्यस्थ माननीय डॉ. एनाबेले बेनेट को शुक्रवार, 16 अगस्त, 2024 को शाम 6 बजे (पेरिस समय) तक विस्तार दिया है।” 

इस मामले पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, “भारत कुश्ती में 6 और पदक जीत सकता था, लेकिन पिछले 15-16 महीनों में खेल में हुई गड़बड़ी को देखते हुए, हमने कई पदक खो दिए हैं. हमें उम्मीद है कि सीएएस का फैसला हमारे पक्ष में होगा.। WUFI चाहता है कि फैसला भारत के पक्ष में हो क्योंकि यह देश का पदक है, किसी का व्यक्तिगत पदक नहीं। इसे भारत की पदक तालिका में जोड़ा जाए।

विनेश फोगाट को ठहराया जिम्मेदार-

इस दौरान उन्होंने विनेश फोगाट को इशारों-इशारों में वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “खेल की श्रेणी खिलाड़ी का व्यक्तिगत निर्णय है। हालांकि, उसको बनाए रखना भी खिलाड़ी पर निर्भर करता है। वजन का तेजी से बढ़ना और घटना खिलाड़ी के शरीर पर बुरा असर डालता है. उसे हर वह सुविधा दी गई जिसकी उसने मांग की थी, जिसमें हंगरी में एक विदेशी कोच के साथ प्रशिक्षण भी शामिल था।”

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