सऊदी अरब में कामगारों के लिए नए नियम,30 पेड लीव, नियोक्ता उठाएगा रहने-खाने का खर्च

सऊदी अरब की सरकार ने घरों, खेती और पशुपालन से जुड़े मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए बड़े कदम उठाए हैं. इससे उन्हें सैलरी, आराम और काम की अच्छी स्थिति मिलने में आसानी होगी.

सऊदी अरब की सरकार ने प्राइवेट घरों, खेतों और पशुपालन से जुड़े कामगारों के लिए नए श्रम नियम लागू किए हैं. इन नियमों को मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्री अहमद अल-राजही ने मंजूरी दी है. इसका मकसद कामगारों को बेहतर सैलरी, आराम और काम का सुरक्षित माहौल देना है. यह नियम खासतौर पर विदेशी कामगारों को फायदा पहुंचाएंगे, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं.


नए नियमों में कामगारों की छुट्टी और आराम

  • हर साल कम से कम 30 दिन की पेड वार्षिक छुट्टी मिलेगी.
  • अगर कॉन्ट्रैक्ट छुट्टी से पहले खत्म हो जाता है, तो छुट्टी का पैसा दिया जाएगा.
  • हर हफ्ते कम से कम 24 घंटे का साप्ताहिक आराम अनिवार्य है.
  • लगातार 5 घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का ब्रेक (आराम और खाने के लिए) जरूरी है.

काम के घंटों पर नए नियमों में क्या है?

  • एक दिन में अधिकतम 8 घंटे काम करना होगा.
  • ओवरटाइम करने पर बेसिक सैलरी के 50% एक्स्ट्रा भुगतान किया जाएगा.

नियोक्ताओं के नियम क्या हैं?

  • 21 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर नहीं रखा जा सकता.
  • कामगारों से उनके कॉन्ट्रैक्ट या पेशे के बाहर का काम नहीं करवाया जा सकता.
  • उन्हें किसी दूसरे के लिए या नियोक्ता के निजी कामों के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.
  • अगर काम की जगह से रहने की जगह दूर है, तो भोजन या भत्ता और आने-जाने के लिए गाड़ी नियोक्ता देगा.
  • नियोक्ता वीजा, निवास परमिट या संबंधित फीस के लिए कामगार से पैसा नहीं ले सकता.
  • कामगारों के पासपोर्ट या निजी सामान नियोक्ता अपने पास नहीं रख सकता.
  • अगर कामगार की मृत्यु हो जाती है, तो अंतिम संस्कार या शव को घर भेजने का खर्च नियोक्ता उठाएगा.
  • 90 दिनों का प्रोबेशन पीरियड allowed है, जिसमें कोई भी पक्ष बिना मुआवजे के कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर सकता है.

नए नियमों के तहत कर्मचारियों की जिम्मेदारी क्या है?

काम के शेड्यूल का पालन करना, लगन से काम करना और गोपनीय जानकारी की रक्षा करना होगी. यह नए नियम कामगारों और नियोक्ताओं के बीच पेशेवर और सुरक्षित रिश्ता मजबूत करेंगे. सऊदी अरब में लाखों भारतीय कामगार इन क्षेत्रों में काम करते हैं, इसलिए उन्हें सीधा फायदा मिलेगा. सरकार का कहना है कि यह बदलाव काम की स्थिति को बेहतर बनाएंगे और निष्पक्षता लाएंगे.

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