
मध्य प्रदेश में PMGKAY घोटाले में 6.16 लाख अमीर लोग अपात्र होकर मुफ्त राशन ले रहे हैं. जांच में आलीशान घरों, गाड़ियों वाले लाभार्थी मिले. सरकार कार्रवाई व विपक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. मध्य प्रदेश में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां गरीबों को मिलने वाला मुफ्त राशन अमीर लोग उठा रहे हैं. सरकारी जांच में खुलासा हुआ कि 6 लाख 16 हजार से अधिक लोग अपात्र होने के बावजूद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का लाभ ले रहे हैं. ये वही लोग हैं जो इनकम टैक्स भरते हैं, बड़ी-बड़ी गाड़ियां रखते हैं और आलीशान घरों में रहते हैं, लेकिन कागजों में खुद को ‘अत्यंत गरीब’ बताकर मुफ्त राशन ले रहे हैं.
खाद्य विभाग की जांच 3 जून 2025 से 18 अगस्त 2025 तक चली. इसमें सामने आया कि राज्य में बने 5 करोड़ 27 लाख NFSA कार्डों में से लाखों ऐसे कार्डधारक हैं जो पात्रता के नियमों पर खरे नहीं उतरते. सिर्फ भोपाल में ही 14 लाख कार्डधारकों में से 13 हजार से अधिक अपात्र पाए गए.
क्या है पूरा मामला?
ABP News की टीम ने भोपाल से 50 किलोमीटर दूर नलखेड़ा गांव में जांच की, जहां 200 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजा गया है. यहां कई घरों में दो-दो कारें खड़ी हैं, बड़े मकान बने हैं और फिर भी परिवार कागजों में ‘गरीब’ हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में करीब 50% लोग संपन्न होने के बावजूद मुफ्त राशन ले रहे हैं. वहीं असली गरीबों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा.
संपन्न परिवार उठा रहे योजना का लाभ
ग्रामीणों ने कहा कि जिनके पास न जमीन है, न मकान और न आय का साधन ऐसे लोग योजना से वंचित हैं. वहीं संपन्न परिवार जमीन, ट्रैक्टर और कार होने के बावजूद हर महीने मुफ्त राशन ले रहे हैं. कई ग्रामीणों ने नाम बताने से डरते हुए चुप्पी साध ली.
विभाग ने लोगों को भेजे नोटिस
गांव की सरकारी राशन दुकान के संचालक भगवत कुशवाहा ने बताया कि 430 लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है, जिनमें 380 नियमित रूप से लाभ ले रहे हैं. कुछ लोगों को नोटिस भेजे गए हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि “गरीब का अन्न चोरी करना सबसे बड़ा गुनाह है. दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.”
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सर्वे जारी है और अपात्रों को बाहर किया जा रहा है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पात्र गरीबों के नाम जानबूझकर काटे जा रहे हैं और यह भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है.