भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि पर जरूर करें ये उपाय

हर माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि व्रत करने का विधान है। इस दिन पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर शुभ फलों की प्राप्ति की जाती है। ऐसे में भाद्रपद या भादो में आने वाली मासिक शिवरात्रि पर कुछ उपाय कर आप कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति पा सकते हैं। चलिए जानते हैं वह उपाय।

मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव की आराधना के लिए एक उत्तम दिन माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। ऐसे में यदि कोई जातक कुंडली में मंगल, शनि या फिर राहु-केतु दोष से परेशान है, तो इसके लिए भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि पर कुछ उपाय आपके काम आ सकते हैं।

भाद्रपद शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि का आरंभ 01 सितंबर 2024, प्रातः 03 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इस तिथि का समापन 02 सितंबर को प्रातः 05 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत रविवार, 01 सितंबर को रखा जाएगा। मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में करने का विधान है। इसलिए इस दिन शिव जी की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है –

भाद्रपद मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 58 से 12 बजकर 44 मिनट तक

शनि दोष में मिलेगी राहत
अगर कोई जातक शनि की पीड़ा झेल रहा है, तो इसके लिए शिवरात्रि की पूजा के दौरान शिवलिंग पर शमीपत्र और गन्ने का रस जरूर अर्पित करें। साथ ही शिवपुराण का पाठ भी करें। ऐसे में यदि आपके ऊपर शनि की शाढ़ेसाती चल रही है, तो उसके अशुभ परिणामों से आपको मुक्ति मिल सकती है। साथ ही अशुभ ग्रह-गोचर के प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

राहु-केतु नहीं करेंगे परेशान
यदि कोई जातक कुंडली में राहु-केतु ग्रह दोष से परेशान है, तो इससे मुक्ति के लिए मासिक अमावस्या पर कुछ उपाय कर सकते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन निशिता काल मुहूर्त में जल में दूर्वा और कुश मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। इसी के साथ ही शिव पंचाक्षरी मंत्र का कम-से-कम 11 माला जाप भी करें।

मंगल नहीं करेगा अमंगल
अगर कोई जातक कुंडली में मंगल दोष से परेशान है, तो इसके लिए भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि पर शिव जी की पूजा करें। साथ ही गंगाजल में लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। जलाभिषेक के दौरान ‘ॐ नमो भगवते रुद्राय नम:’ मंत्र का जाप करें रहें। साथ ही आप शिव तांडव स्तोत्र का भी पाठ कर अपनी स्थिति में लाभ देख सकते हैं।

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