केरल – न्यायाधीश वी जी अरुण ने राज्य सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता साजिमोन पारयिल पीड़ित पक्ष नहीं है।
HC ने जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट जारी करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग को 1 सप्ताह में रिपोर्ट जारी करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश वी जी अरुण ने राज्य सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता साजिमोन पारयिल पीड़ित पक्ष नहीं है।
केरल HC ने रिपोर्ट जारी करने का दिया आदेश-
राज्य सूचना आयोग ने न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट जारी करने का आदेश दिया था। इसमें मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाले मुद्दों का अध्ययन किया गया था। राज्य सूचना आयुक्त ए अब्दुल हकीम ने राज्य लोक सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) को यह सुनिश्चित करते हुए सूचना का उचित प्रसार करने का निर्देश दिया कि यह व्यक्तियों की गोपनीयता से समझौता नहीं करता है।
सूचना आयुक्त ने एसपीआईओ को पृष्ठ 49 पर मौजूद अनुच्छेद 96 और पृष्ठ 81 से 100 तक अनुच्छेद 165 से 196 के विवरण का खुलासा नहीं करने के लिए कहा था। इसे लेकर फिल्म निर्माता साजिमोन पारायिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को रिपोर्ट को 31 जुलाई तक जारी करने पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को आखिरी बार छह अगस्त को बढ़ाया गया था।
रिपोर्ट में हो सकती है संवेदनशील जानकारी
मलयालम सिनेमा में यौन उत्पीड़न और असमानता के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए अभिनेता दिलीप से जुड़े साल 2017 के अभिनेत्री उत्पीड़न मामले के बाद जस्टिस के हेमा समिति का गठन किया गया था। भले ही रिपोर्ट 2019 में दर्ज की गई थी, लेकिन सरकार ने अभी तक विवरण जारी नहीं किया है क्योंकि इसमें संवेदनशील जानकारी होने का संदेह था।
जमानत पर बाहर आए दिलीप-
तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम कर चुकी अभिनेत्री-पीड़ित का 17 फरवरी, 2017 की रात कथित तौर पर कुछ आरोपियों ने अपहरण कर लिया था। फिर आरोपियों ने जबरन उनकी कार में घुसकर दो घंटे तक उनके साथ छेड़छाड़ की थी, उसके बाद में आरोपी भाग गए थे। कुछ आरोपियों ने अभिनेत्री को ब्लैकमेल करने के लिए इस पूरे कृत्य को फिल्माया था। मामले में 10 आरोपी हैं। मामले में आठवें आरोपी दिलीप को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया हैं। अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
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