PM मोदी की कलाई पर चमकी जयपुर की ‘बाघ घड़ी’, देश की आजादी से है ये कनेक्शन

Jaipur Bagh Watch: अयोध्या में रामलला के ध्वजारोहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी की कलाई पर बंधी जयपुर में बनी ‘बाघ घड़ी’ फिर चर्चा में रही. आजादी के दुर्लभ सिक्के से लग्जरी घड़ी बनी है. अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में ध्वजारोहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कलाई पर बंधी खास घड़ी ने एक बार फिर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. यह कोई साधारण घड़ी नहीं बल्कि पिंक सिटी जयपुर में बनी वह ‘बाघ मॉडल’ घड़ी है, जिसने देश-विदेश में खूब सुर्खियां बटोरी हैं. पीएम मोदी इसे पिछले कई महीनों से लगातार पहन रहे हैं और हर बार यह घड़ी चर्चा का विषय बन जाती है.

स्वदेशी सोच और स्वतंत्रता की पहचान

इस घड़ी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके बेस में आजादी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जारी हुआ एक रुपए का असली सिक्का लगाया गया है. यह ब्रिटिश शासन का आखिरी सिक्का था, जिस पर दौड़ता हुआ बाघ बना है. जब भी कोई समय देखेगा, उसे साथ ही वह ऐतिहासिक सिक्का भी दिखेगा. यानी घड़ी समय ही नहीं, भारत की आजादी का एहसास भी कराती है.

पूरा डिजाइन 100% भारतीय

करीब 55 से 60 हजार रुपए की कीमत वाली यह लग्जरी घड़ी पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक और भारतीय कारीगरों द्वारा तैयार की गई है. इसे बनाने वाली कंपनी जयपुर वॉच कंपनी है, जिसके संस्थापक गौरव मेहता बताते हैं कि पीएम मोदी की सोच ‘स्वदेशी अपनाओ, मेक इन इंडिया अपनाओ’ से ही इस घड़ी को बनाने की प्रेरणा मिली.

अमृत महोत्सव थीम पर लॉन्च, 9 खास वेरिएंट

15 अगस्त 2022 को आजादी के 75 साल पूरे होने पर इस घड़ी को लॉन्च किया गया था. इसे ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ की थीम पर तैयार किया गया. ‘बाघ’ नाम की इस घड़ी के 9 वेरिएंट हैं. सिल्वर और गोल्डन कलर में. कुछ में एक रुपए का सिक्का लगा है, कुछ में उसी सीरीज की अठन्नी और चवन्नी. सभी पर दौड़ता हुआ बाघ उकेरा गया है. ये ब्रिटिश शासन के आखिरी सिक्के हैं, जिनके बाद स्वतंत्र भारत में नए सिक्के जारी हुए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर से लगातार इस घड़ी को पहनते नजर आ रहे हैं. विदेश यात्राओं में भी अक्सर उन्हें यही घड़ी पहने देखा गया. माना जा रहा है कि भारत की आजादी से जुड़ाव, स्वदेशी निर्माण और मेक इन इंडिया का संदेश ही इसके पीछे कारण हैं.

अयोध्या के कार्यक्रम में पीएम मोदी को इसे फिर पहनते देख कंपनी के संस्थापक गौरव मेहता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने पत्र लिखकर पीएम का आभार जताया और कहा कि बिना किसी अप्रोच के पीएम मोदी द्वारा इसे पहनना, मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है.

2019 में PM मोदी से हुई मुलाकात बनी टर्निंग पॉइंट

गौरव मेहता ने बताया कि 2019 में उनकी पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी. उसी दौरान पीएम ने उन्हें स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का संदेश दिया था. उसी प्रेरणा से उन्होंने यह ऐतिहासिक घड़ी बनाने का फैसला किया और आज यह उनके व्यवसाय की सबसे बड़ी सफलता बन गई है.

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