
India Sovereign Credit Rating Upgrades: जब रेटिंग मजबूत होती है तो भारत विदेशी निवेशकों के लिए और आकर्षक गंतव्य बन जाता है. इससे शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट दोनों में पूंजी का प्रवाह बढ़ सकता है.
R&I Upgrades India Sovereign Credit Rating: अमेरिका की ओर से हाई टैरिफ लगाए जाने के बाद आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रहे भारत के लिए जापान से आई यह खबर राहत भरी है. जापानी रेटिंग एजेंसी रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन इंक (R&I) ने भारत की दीर्घकालिक सरकारी साख रेटिंग को ‘BBB’ से बढ़ाकर ‘BBB+’ कर दिया है और साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के ‘स्थिर’ परिदृश्य को बरकरार रखा है.
यह सुकून इसलिए भी है क्योंकि मौजूदा साल में यह तीसरी बार है जब किसी अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने भारत की रेटिंग अपग्रेड की है. इससे पहले अगस्त 2025 में S&P और मई 2025 में मॉर्निंगस्टार DBRS भारत की रेटिंग बढ़ा चुके हैं.
क्यों सुकून देने वाली खबर?
R&I की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की बढ़ी हुई रेटिंग इसकी मजबूत आर्थिक स्थिति, जनसांख्यिकीय लाभांश, बढ़ती घरेलू मांग और ठोस सरकारी नीतियों पर आधारित है. एजेंसी ने सरकार की वित्तीय अनुशासन पर प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि कर राजस्व में बढ़ोतरी, सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने और प्रबंधनीय ऋण स्तरों ने भारत की स्थिति को मजबूत किया है.
साथ ही रिपोर्ट ने भारत की बाहरी स्थिरता पर भी प्रकाश डाला है. इसमें कहा गया कि मामूली चालू खाता घाटा, सेवाओं व धन प्रेषण में अधिशेष, कम विदेशी कर्ज और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार भारत की मजबूती को दिखाते हैं.
रेटिंग बढ़ाने के क्या फायदे?
वित्त मंत्रालय ने R&I के फैसले का स्वागत किया और कहा कि 5 महीनों में तीन एजेंसियों द्वारा रेटिंग अपग्रेड होना इस बात का सबूत है कि वैश्विक स्तर पर भारत के मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स और विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को मान्यता मिल रही है.
अब देखते हैं कि भारत की क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड होने से निवेशकों और आम लोगों को क्या फायदे हो सकते हैं –
निवेशकों के लिए फायदे
जब रेटिंग मजबूत होती है तो भारत विदेशी निवेशकों के लिए और आकर्षक गंतव्य बन जाता है. इससे शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट दोनों में पूंजी का प्रवाह बढ़ सकता है. सरकार और कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से कर्ज कम ब्याज पर मिलेगा, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजनेस प्रोजेक्ट्स की फंडिंग आसान होगी. मजबूत रेटिंग से निवेशकों का भरोसा बढ़ता है, जो स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में तेजी ला सकता है.
आम लोगों के लिए फायदे
जब विदेशी निवेश बढ़ेगा और कंपनियों को आसान फंडिंग मिलेगी, तो नए प्रोजेक्ट्स और बिजनेस शुरू होंगे, जिससे रोजगार बढ़ेगा. विदेशी पूंजी आने से रुपये पर दबाव कम होगा और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिरता से आयात सस्ता हो सकता है, खासकर तेल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सामान. अगर सरकार और कंपनियों का उधार सस्ता होगा तो धीरे-धीरे आम लोगों को भी होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन पर बेहतर दरों का फायदा मिल सकता है. यानी इस रेटिंग अपग्रेड से भारत की ग्लोबल इमेज मजबूत होगी और इसका सीधा फायदा निवेशकों से लेकर आम उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा.