टीम इंडिया को घर में हराना मुश्किल माना जाता है लेकिन ये मुश्किल काम न्यूजीलैंड ने कर दिखाया है। उसने भारत को बेंगलुरु के बाद पुणे में खेले गए टेस्ट मैच में भी हरा दिया और तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त लेकर इतिहास रच दिया। भारत पर तीसरे मैच में हार का संकट है। क्या है इसका कारण जानिए यहां।
भारत को पुणे में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। इसीके साथ भारत सीरीज भी गंवा बैठा। ये 12 साल बाद है जब भारत को अपने घर में टेस्ट सीरीज में हार मिली है। अब भारत पर क्लीन स्वीप का खतरा मंडरा रहा है। दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच मुंबई में खेला जाएगा।
इस मैच से पहले टीम इंडिया को अपने चार संकट दूर करने होंगे नहीं तो मुंबई में भी भारत का बड़ा नुकसान हो सकता है। टीम इंडिया अगर मुंबई में हार जाती है तो फिर न्यूजीलैंड 3-0 से सीरीज अपने नाम कर लेगी। अभी इस समय वह 2-0 से आगे है।
भारत के चार संकट
रोहित शर्मा: भारतीय कप्तान पिछले चार टेस्ट मैचों की आठ पारियों में 8, 0, 2, 52, 23, 8, 6, 5 स्कोर पर आउट हुए हैं। वह न्यूजीलैंड के विरुद्ध सीरीज में दो मैचों में सिर्फ 62 रन बना पाए हैं। तेज गेंदबाजों के विरुद्ध तो उनकी हालत खराब रहती ही है, स्पिनरों के सामने भी वह टिक नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा उनका खराब क्षेत्ररक्षण भी टीम पर भारी पड़ रहा है। हालांकि वह पिछले चार सालों में भारत की तरफ से 31 टेस्ट में छह शतकों के साथ सबसे ज्यादा 2100 रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। हालांकि उनका इस दौरान औसत 40 से नीचे ही रहा है।
विराट कोहली : पूर्व भारतीय कप्तान पिछले चार साल में सिर्फ दो शतक लगा पाए हैं और इस कद के बल्लेबाज की स्थिति दिखाने के लिए यह काफी है। उन्होंने भी पिछले चार साल में 31 मैच खेले हैं और वह 1795 रन बनाकर दूसरे नंबर पर हैं लेकिन इस दौरान उनका औसत सिर्फ 34.51 का रहा है। इस सीरीज में भी वह चारों पारियों में पूरी तरह से फ्लाप रहे। जहां रोहित तेज गेंदबाजों के सामने हिल जाते हैं तो वहीं विराट स्पिनरों के सामने डुल जाते हैं। वह पुणे में स्पिनरों के विरुद्ध असहाय दिखे। दोनों पारियों को मिलाकर विराट के बल्ले से सिर्फ 18 रन आ पाए।
सरफराज खान : बेंगलुरु टेस्ट में 150 रनों की पारी खेलने वाले सरफराज पुणे टेस्ट में बुरी तरह से फेल हो गए। पुणे में टेस्ट ही नहीं सीरीज बचाने के लिए उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तो वह फेल हो गए। जब तक गेंद सीधी-सीधी आती है सरफराज को दिक्कत नहीं होती लेकिन जहां गेंद में हल्का ¨स्वग और ज्यादा स्पिन होती है उन्हें परेशानी महसूस होने लगती है। वह इस टेस्ट में सिर्फ 20 रन ही बना सके।
रवींद्र और रविचंद्रन : जहां एक ओर मिशेल सैंटनर ने यहां पर दो पारियों में भारतीय बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी तो वहीं रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे गेंदबाज उम्मीद के मुताबिक गेंदबाजी नहीं कर सके। ये दोनों बल्लेबाजी से तो कुछ खास नहीं कर सके बल्कि उनकी गेंदों में भी वह धार नहीं दिखी। पहली पारी में अश्विन ने तीन विकेट लिए तो जडेजा के हाथ खाली रहे। दूसरी पारी में अश्विन ने दो और जडेजा ने तीन विकेट लिए। ऐसी पिचों में ये दोनों कई बड़ी टीमों को उधेड़ चुके हैं लेकिन यहां पर न्यूजीलैंड पहली पारी में 259 और दूसरी पारी में 255 रन बनाने में सफल हो गई।