काम करने की भावना पवित्र है तो ईश्वर भी मदद करते हैं: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की पंचायतों के लिए 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन, 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत किए हैं.
 ‘त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में एक सरपंच के पास जो शक्तियां हैं, वो सांसद और विधायकों को भी नहीं है. सरपंच अपनी पंचायत को नई ऊंचाइयों पर लेकर जा सकते हैं. उनके भरोसे से ही प्रदेश में विकास का कारवां चल रहा है. 24 से 26 नंवबर को भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों की कॉन्फ्रेंस होने वाली है. निकायों से जुड़ी पंचायतों में ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे आवश्यक अनुमतियों के साथ विकास के काम होते रहें. अगर काम करने की भावना पवित्र है तो उसमें ईश्वर भी मदद करते हैं. ‘ यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 नवंबर को जंबूरी मैदान में कही. सीएम डॉ. मोहन यहां आयोजित त्रिस्तरीय सरपंच संयुक्त मोर्चा महासम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने पंचायतों के प्रतिनिधियों का विकास कार्यों के लिए 50-50 हजार रुपये की राशि भी प्रदान की. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की पंचायतों के लिए 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन, 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत किए हैं. पंचायतों में शांतिधाम के निर्माण के लिए जिला प्रशासन सरपंचों की सहायता करेगा. हमारे लिए 2026 का समय सबसे महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार 2026 को कृषि वर्ष घोषित कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार आधारित उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं. कृषि उत्पादों के निर्माण के लिए कृषि और खाद्यान्न आधारित उद्योग शुरू कर रहे हैं. उद्योग स्थापना पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार पंचायतों के माध्यम से लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और रोजगार उद्योग स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है. राज्य में सब्जी और अन्य फसलों के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाई खोली जा रही है. युवाओं को उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि किसान को हर फसल का उचित दाम मिले और उन्हें अपनी फसल फेंकने की आवश्यकता न पड़े. 

प्रदेश को बनाना है दूध उत्पादन में अग्रणी राज्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे पंचायत प्रतिनिधि भगवान श्रीराम से संबंधित प्रत्येक स्थान की जानकारी उपलब्ध कराएं. इन्हें श्रीराम वन गमन पथ में शामिल किया जाएगा. साथ ही, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थानों को भी राज्य सरकार तीर्थ के रूप में विकसित करेगी. उन्होंने कहा कि पंचायतें अपने पारंपरिक कार्य करते हुए शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और उद्योग के कार्यों को भी प्रमुखता से करें. गांवों में किसानों को गोपालन और पशुपालन के लिए प्रेरित करें. ताकि, प्रदेश को दूध उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सके.

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