BANGLADESH: बांग्लादेश में दिन-प्रति-दिन हिंदू परिवारों को बनाया जा रहा हैं निशाना.

बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। भीषण आगजनी के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। हालात इतने बदतर हो गए है कि देश में अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। ताजा घटना में उपद्रवियों ने एक ऐसे हिंदू परिवार के घर में आग लगा दी, जिसका राजनीतिक से कोई लेना-देना नहीं है।

बांग्लादेश में ठाकुरगांव सदर उपजिला के अंतर्गत अक्छा यूनियन के फराबारी मंदिरपारा गांव में यह घटना मंगलवार शाम हुई। इसके कुछ घंटों बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने आश्वासन दिया कि अपराधियों को सजा दी जाएगी।

मंगलवार की घटना-

ठाकुरगांव सदर उपजिला के अंतर्गत अक्छा यूनियन के फराबारी मंदिरपारा गांव में यह घटना मंगलवार शाम हुई। इसके कुछ घंटों बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यक समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार अपराधियों को सजा देगी। 

48 जिलों में हमला

लक्षित आगजनी की घटना उसी दिन हुई जब बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस ने दावा किया कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा और इसे हिंदू धर्म पर हमला करार दिया।

अक्छा यूनियन परिषद (यूपी) के अध्यक्ष सुब्रत कुमार बर्मन ने बताया कि ठाकुरगांव सदर उपजिला के अंतर्गत अक्छा संघ के फराबारी मंदिरपारा गांव में मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे अज्ञात लोगों ने कलेश्वर बर्मन के घर में आग लगा दी। स्थानीय लोग तुरंत आग बुझाने में लग गए और अंत में आग पर काबू पाने में कामयाब रहे। शुक्र रहा कि घर में रहने वाले सुरक्षित बच निकले। 

अपराधियों की पहचान के लिए जांच –

बर्मन ने आगे कहा कि कालेश्वर बर्मन का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है। वहीं, ठाकुरगांव पुलिस स्टेशन के ऑफिसर-इन-चार्ज एबीएम फिरोज वहीद ने कहा, ‘पुलिस उसी रात घटनास्थल पर पहुंची थी और अपराधियों की पहचान करने के लिए जांच जारी है।’

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी यूनियन के निंबारी कमारपारा गांव में कुछ दिन पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी, जब अनंत बर्मन के घर को जला दिया गया था, जिससे सभी कीमती सामान नष्ट हो गए थे। फराबारी के निवासी राबिन रॉय ने कहा कि पूर्व सरकार के गिरने के बाद शुरू हुई इन घटनाओं के बाद हिंदू समुदाय के लोग डर में जी रहे हैं। 

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