
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को पहलगाम आतंकी घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा द्वारा दिए गए कथित विवादास्पद बयान के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास अन्य कानूनी रास्ते उपलब्ध हैं।
वाड्रा के बयान पर SIT जांच की मांग, याचिका पर HC ने सुनाया फैसला
मिली जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ और अन्य की याचिका पर यह आदेश पारित किया। याचिका में रॉबर्ट वाड्रा के बयान की जांच के लिए केंद्र सरकार को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। इसमें भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत वाद्रा के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई थी।
पहलगाम हमले पर रॉबर्ट वाड्रा का बयान बना विवाद की जड़, गैर-मुसलमानों को लेकर दिया था बयान
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के निकट एक मैदान में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे और कई घायल हो गए। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी के दामाद और पार्टी सांसद राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा ने कथित रूप से यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि पहलगाम में गैर-मुसलमानों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि आतंकवादियों को लगता है कि देश में मुसलमानों के साथ ‘बुरा व्यवहार’ किया जा रहा है।