Haryana: CM रहते चुनाव लड़ने वाले सभी नेताओं की बची विधायकी.

CM का सीधा रहा संबंध:

हरियाणा में अब तक करनाल से चार CM का सीधा संबंध रहा है। प्रदेश में पहली बार सरकार बनाने वाली भाजपा के मनोहर लाल यहीं से विधायक थे। लेकिन मार्च 2024 में BJP ने नायब सैनी को CM बना दिया और मनोहर लाल करनाल से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं।

हरियाणा में 14वीं विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। अब तक हरियाणा के CM रहे कई विधायकों ने भी दोबारा सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोकी। बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला को छोड़कर अन्य जिस भी मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव अपने पद पर रहते हुए लड़ा, उनकी सरकार चाहे इस चुनाव में न बन पाई हो, लेकिन विधायकी बरकरार रही।

1987 के चुनाव में मुख्यमंत्री रहे बंसीलाल और 2005 में मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। इनके बाद CM बने भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार दो बार पद पर रहे और तीसरी बार 2014 और फिर चौथी बार 2019 के चुनाव में उनकी सरकार नहीं बनी, लेकिन वो अपने विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे।

वहीं तत्कालीन सीएम मनोहर लाल भी 2014 और 2019 में करनाल से विधायक बनकर प्रदेश में मुख्यमंत्री बने, लेकिन मार्च 2024 में BJP ने नायब सैनी को CM बना दिया और मनोहर लाल करनाल से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं। करनाल सीट से उपचुनाव जीतकर CM नायब सिंह सैनी विधायक बने हैं। ऐसे में पांच माह के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं। तत्कालीन सीएम मनोहर लाल के साढ़े नौ साल के कार्यकाल के दौरान भाजपा सरकार की साख भी अब इन्हीं के हाथ में हैं।

तीसरी पीढ़ी से जीते धर्मवीर-

1987 के चुनाव में तोशाम सीट से धर्मवीर सिंह ने CM रहे बंसीलाल को 2186 वोट से हराया। इसके बाद उन्होंने उनके बेटे सुरेंद्र और बाद में सुरेंद्र की बेटी श्रुति चौधरी को भी हराया। वहीं 2005 के चुनाव में नरवाना सीट पर कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 1859 वोटों से मुख्यमंत्री ओपी चौटाला को हराया था। चौटाला इससे पहले भी तीन बार सीएम रहे। वहीं 2009 के चुनाव में नरवाना सीट अनुसूचित के लिए आरक्षित होने के बाद सुरजेवाला कैथल से चुनाव लड़े और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे।

4 मुख्यमंत्रियों का सीधा संबंध-

अब तक करनाल से चार मुख्यमंत्रियों का सीधा संबंध रहा है। प्रदेश में पहली बार सरकार बनाने वाली BJP के मनोहर लाल यहीं से विधायक थे और यहीं से लोस चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। इनके बाद CM बने नायब सिंह सैनी भी वर्तमान में करनाल से विधायक हैं। इससे पहले प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भगवतदयाल शर्मा ने करनाल से 1977 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के जगदीश प्रसाद को हराया था। इसके बाद छठे सीएम भजन लाल ने भी 1998 में करनाल से लोकसभा चुनाव लड़कर भाजपा के आईडी स्वामी को हराया था। हालांकि 1999 में आईडी स्वामी ने इन्हें हरा दिया था।

मुख्यमंत्री समय

  • भगवत दयाल शर्मा 01 नवंबर 1966 से 23 मार्च 1967
  • राव विरेंद्र सिंह 24 मार्च 1967 से 02 नवंबर 1967
  • बंसीलाल 22 मई 1968 से 30 नवंबर 1975
  • बनारसी दास गुप्ता 01 दिसंबर 1975 से 30 अप्रैल 1977
  • देवी लाल 21 जून 1977 से 28 जून 1979
  • भजन लाल 29 जून 1979 से 05 जुलाई 1985
  • बंसीलाल 05 जुलाई 1985 से 19 जून 1987
  • देवी लाल 17 जुलाई 1987 से 02 दिसंबर 1989
  • ओमप्रकाश चौटाला 02 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990
  • बनारसी दास गुप्ता 22 मई 1990 से 12 जुलाई 1990
  • ओमप्रकाश चौटाला 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990
  • हुकम सिंह 17 जुलाई 1990 से 21 मार्च 1991
  • ओमप्रकाश चौटाला 22 मार्च 1991 से 06 अप्रैल 1991
  • भजनलाल 23 जुलाई 1991 से 09 मई 1996
  • बंसी लाल 11 मई 1996 से 23 जुलाई 1999
  • ओमप्रकाश चौटाला 24 जुलाई 1999 से 04 मार्च 2005
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा 05 मार्च 2005 से 19 अक्टूबर 2014
  • मनोहर लाल 26 अक्टूबर से 12 मार्च 2024
  • नायब सिंह सैनी 12 मार्च 2024 से वर्तमान

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