
मंत्रिपरिषद में नए चेहरों के रूप में जयेश राडाडिया, शंकर चौधरी, अर्जुन मोढवाडिया, जीतू वघानी, रीवाबा जडेजा, अल्पेश ठाकोर को जगह मिल सकती है। पार्टी का मानना है, इससे युवा नेताओं का हौसला और ओबीसी-पाटीदार प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। गुजरात में नए मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह शुरू हो गया है। गुजरात भाजपा ने 26 मंत्रियों की सूची जारी की है। इस सूची में स्वरूपजी ठाकोर, प्रवीणकुमार माली, रुशिकेश पटेल, दर्शना वाघेला, कुंवरजी बावलिया, रिवाबा जाडेजा, अर्जुन मोढवाडिया, परषोत्तम सोलंकी, जीतेन्द्र वाघानी, प्रफुल्ल पानशेरिया, हर्ष सांघवी और कनुभाई देसाई का नाम शामिल है। गुरुवार को गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल को छोड़कर मंत्रिपरिषद के अन्य सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले सुबह गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को गुजरात मंत्रिपरिषद की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया और नए मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की अनुमति मांगी।
विधायक बोले- हम बहुत खुश
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भाजपा विधायक लविंगजी ठाकोर ने कहा, ‘आज मुझे मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण मिला है, इसलिए मैं वहां आकर बहुत खुश हूं। पहले भी क्षत्रिय समुदाय के कई लोगों को मंत्री बनाया गया है और आज फिर से बनाया जाएगा। पार्टी जिसे भी मंत्री बनाएगी, हम बहुत खुश हैं। मुझे भाजपा पर पूरा भरोसा है, जो मेरा मानना है कि हर समुदाय का समान रूप से सम्मान करती है।’ मंत्रिपरिषद में फेरबदल पर भाजपा विधायक कन्हैयालाल किशोरी ने कहा, ‘पार्टी ने हमें सुबह 11.30 बजे का समय दिया है, हम कार्यक्रम में शामिल होंगे। सभी विधायक और पार्टी कार्यकर्ता वहां मौजूद रहेंगे। हम नए मंत्रियों को बधाई देंगे। गुजरात और भी अधिक विकसित होगा।
2027 विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम है ये फेरबदल
गुजरात सरकार के मंत्रिपरिषद में यह फेरबदल भाजपा के मिशन 2027 के लिहाज से अहम माना जा रहा है। पार्टी आगामी निकाय चुनाव में नए सामाजिक समीकरणों को परखने की तैयारी कर रही है। पार्टी का मानना है, युवा विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल करने से युवा नेताओं का हौसला और सरकार में ओबीसी-पाटीदार प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। आगामी चुनाव में भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा गुजरात में युवाओं को बड़ी जिम्मेदारी देना चाहती है। पार्टी सुनिश्चित करना चाहती है कि पाटीदार समुदाय के साथ ओबीसी और शहरी वर्ग का संतुलन बना रहे। विश्लेषक मानते हैं कि चेहरे बदलकर भाजपा राज्य में लंबे समय से चल रही सरकार के प्रति होने वाली एंटी इनकंबेंसी को खत्म कर देती है।



