
जेनसोल के शेयरों पर काफी दबाव है और इसमें जरबदस्त बिकवाली दिख रही है, जिसकी वजह से इसकी कीमत 51 हफ्ते के निचले स्तर 81.36 पर आ गई है.
जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से उनके गुड़गांव और अहमदाबाद वाले दफ्तर में 27 अप्रैल को ली गई तलाशी के बाद शेयर मंगलवार को 5 प्रतिशत तक तेजी से गिर गए हैं. कंपनी के शेयरों पर भारी दबाव है और इसमें जरबदस्त बिकवाली दिख रही है, जिसकी वजह से इसकी कीमत 51 हफ्ते के निचले स्तर 81.36 पर आ गई है.
जेनसोल शेयर में सिर्फ एक महीने के अंदर ही 50 प्रतिशत की गिरावट दिख रही है और करीब छह महीने के अंदर 90 फीसदी की गिरावट आयी है. यानी निवेशकों की रिकॉर्ड हाई से करीब 90 फीसदी पूंजी डूब चुकी है. सोमवार को जेनसोल ने कहा कि ईडी ने उनके ऑफिस परिसर में छापेमारी कर कई डॉक्यूमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और वित्तीय रिकॉर्ड्स जब्त किए थे. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को ये भी बताया कि ईडी के एक्शन के बाद उसका वित्तीय प्रभाव की पूरी जानकारी अभी नहीं पता चल पाई है.
जेनसोल के शेयर में भारी गिरावट
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में कंपनी की गतिविधियों को लेकर जेनसोल इंजीनियरिंग के ऊपर सेबी ने अपनी चिंता बढ़ाते हुए निगरानी बढ़ी दी थी. जेनसोल के ऊपर 15 अप्रैल को सेबी की तरफ से कई एक्शन लिए गए और कंपनी के ऊपर आरोप लगाया गया कि इसने कारोबार वाले उद्देश्य से लिए गए पैसे का व्यक्तिगत आलीशान चीजों पर खर्च किया.
सेबी के एक्शन के बाद दो महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) और इंडियन रेन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आईआरईडीए) ने जेनसोल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. पीएफसी ने आरोप लगाया है कि जेनसोल ने उसके कुछ ऋण का भुगतान नहीं किया है, जबकि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जेनसोल ने सुरक्षित फंडिंग के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स दिए. IREDA ने कहा कि वे उसकी एग्जामिनेशन एंड रिस्क कमेटी बेहद करीबी से पूरे मामले की जांच कर रही है और जैसे ही ये पूरी होती है रिवकरी और अन्य एक्शन के लिए कदम उठाए जाएंगे.