
Dussehra Puja Time: दिल्ली-एनसीआर में भव्य रामलीला और रावण दहन का आयोजन होगा. इस मौके पर नीलकंठ के दर्शन को भी शुभ माना जाता है. कल सूर्यास्त के बाद शाम 6 बजकर 5 मिनट पर रावण दहन का मुहूर्त रहेगा. दशहरा का पर्व कल यानी 2 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. यह पर्व अच्छाई की जीत और बुराई के अंत का प्रतीक माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी. वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर नामक दैत्य का संहार किया था.
भारत के अलग-अलग हिस्सों में दशहरा अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है. दिल्ली और NCR में भी रामलीला का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है. शाम के समय रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले दहन की परंपरा है, जिसे देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं.
दिल्ली में दशहरे की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. रामलीला मंचन की खास तैयारियाँ की गई हैं. इस विजयदशमी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु लालकिला मैदान में बने माधवदास पार्क के श्री धार्मिक लीला कमेटी पंडाल में आयोजित रामलीला देखने आएंगी. इस अवसर पर रंगीन सजावट, दर्शकों की भीड़ और उत्सव का माहौल लोगों को भव्य त्योहारी अनुभव देगा.
विजयादशमी तिथि और पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 2025 में 01 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी और 02 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. इस हिसाब से विजयादशमी का त्योहार 02 अक्टूबर को है.
दिल्ली के इन स्थानों पर होता है खास रावण दहन
रामलीला मैदान एक प्रतिष्ठित स्थल है जहाँ हर साल भव्य स्तर पर रावण दहन का आयोजन किया जाता है. यहाँ रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है.
साथ ही आतिशबाज़ी और रंग-बिरंगे मेले भी आयोजित होते हैं. इस स्थल का सुनहरा इतिहास इसकी महत्ता में और इजाफा करता है. इसलिए अगर आप दिल्ली में हैं, तो भव्य उत्सवों में शामिल होना सुनिश्चित करें.
लाल किला मैदान भी दिल्ली में रावण दहन के भव्य उत्सव देखने के लिए एक प्रसिद्ध स्थल है. पृष्ठभूमि में लाल किला होने से यह समारोह और भी अधिक भव्य और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध दिखाई देता है. रामायण के नाट्य प्रस्तुतियाँ और प्रदर्शन काफी प्रसिद्ध हैं. पुतलों का दहन एक शानदार दृश्य होता है.
दशहरे पर नीलकंठ पक्षी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है. इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान राम ने रावण पर विजय पाने से पहले नीलकंठ के दर्शन किए थे. ऐसे में दशहरे पर नीलकंठ को देखने से व्यक्ति के जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और भाग्य का साथ मिलता है.