जयपुर में नगर भ्रमणम पर देवजी-
राजस्थान के जयपुर में कृष्ण मंदिरों में 27 अगस्त को नंदोत्सव की धूम है। नंदोत्सव में भगवान को गिफ्ट दिए गए। बधाई पर टॉफी-चॉकलेट बांटे गए। जयपुर में शाम करीब साढ़े चार बजे गोविंद देवजी नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इसकी वजह से परकोटे में मिनी- सिटी बसों का संचालन बंद रहेगा। शोभायात्रा को देखते हुए जयपुर के शिक्षण संस्थाओं और सरकारी कार्यालयों में आधे दिन की सरकारी छुट्टी घोषित की गई है। उधर, भीलवाड़ा के दुधाधारी गोपाल मंदिर में आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है।
रात 11.30 बजे संपन्न हाेगी शोभायात्रा–
देवजी की शोभायात्रा मंदिर परिसर जयपुर से रवाना होकर जलेबी चौक, सांगानेरी गेट, बापू बाजार, न्यू गेट चौराहा, चौड़ा रास्ता, चांदपोल बाजार, बगरू वालों का रास्ते से होते हुए श्रीगोपीनाथ मंदिर पहुंच कर रात 11.30 बजे संपन्न हाेगी। यहां गोविंद देवजी बड़े भाई गोपीनाथजी से भेंट करेंगे।
ठाकुर जी को केसरिया रंग की नई पोशाक पहनाई गई–
गोविंद देवजी मंदिर जयपुर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि – मंदिर में सुबह सवा 9 बजे नंदोत्सव मनाया गया। ठाकुर श्रीजी को केसरिया रंग की नई पोशाक धारण कराकर विभिन्न फूलों से मनोरम श्रृंगार किया गया। सुबह धूप झांकी खुलने पर ठाकुर श्रीजी का वेद मंत्रोच्चार के साथ अधिवास पूजन किया गया। इसके बाद नंदोत्सव की विशेष भोग झांकी के दर्शन खोले गए। मंदिर के जगमोहन रेलिंग के अंदर का हिस्सों में दर्शनार्थी नंद के आंनद भयो जय कन्हैया लाल की…..कान्हा जन्म सुन आई यशोदा मैया दे दो बधाई….. जैसे बधाइयां गाते रहे। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने कान्हा के प्रकटने पर कपड़े, फल, ट्रॉफी, बिस्किट, खिलौने की उछाल की।
श्रीनाथजी मंदिर :
राजसमंद के नाथद्वारा में वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में आज नन्दोत्सव मनाया जा रहा है। सुबह 7.30 बजे नंद महोत्सव के दर्शन खुले। करीब डेढ़ घंटे तक यह दर्शन खुले रहे। इस अवसर पर मंदिर में केसर के दूध, दही व छाछ से मंदिर में छिड़काव कर होली खेली गई। इस दौरान श्रद्धालु खूब झूमे। मंदिर परिसर- लालो आयो रे लालो आयो रे- से गुंजायमान हो गया। श्रद्धालुओं ने नंदघर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की के खूब जयकारे लगाए।
मंदिरों में देर रात तक दर्शन का चला दौर–
इससे पहले रात 12 बजते ही नंद के आनंद भयो….जय कन्हैया लाल की का जयकारा गूंजा। छोटे-बड़े मंदिरों में देर रात तक दर्शन का दौर चला। कान्हा के जन्म के साथ जैसे ही मंदिरों के पट खुले भक्त बस अपने नंदलाला की एक झलक पाने को उत्सुक दिखे। जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर से लेकर करौली के मदन मोहनजी मंदिर, खाटूश्याम मंदिर से लेकर नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। गोविंद देवजी और श्रीनाथजी मंदिर में भगवान को 21 तोपों की सलामी दी गई। इस मौके पर भव्य आतिशबाजी भी की गई।
उदयपुर के जगदीश चौक स्थित जगदीश मंदिर में रात 12 बजे बाद भगवान की आरती की गई। आरती के साथ यहां पर भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान रिमझिम बारिश के बीच बड़ी संख्या में भक्तगणों ने आरती में भाग लिया। आरती के साथ ही उत्सव की धूम शुरू हो गई।
14 लाख लोगों किए दर्शन-
पूरा परकाेटा जयपुर से वृदावन की तरह सजा नजर आया। तड़के 4 बजे उठा शहर रात दो बजे तक लगातार 22 घंटे भगवान की सेवा में डूबा रहा। गाेविंद देवजी मंदिर परिसर के आसपास करीब 4 किमी में पैर रखने की जगह नहीं थी। पुलिस द्वारा लगाए गए रिकाॅग्निशन साॅफ्टवेयर से लैस सीसीटीवी कैमरे के रिकॉर्ड बता रहे हैं कि दिनभर में करीब 14 लाख लाेगाें ने जन्माष्टमी के दिन गाेविंद देवजी के दर्शन किए हैं।
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