DELHI: दशकों का इंतजार हुआ खत्म, ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो चुुका हैं.

DELHI में पुराने लोहे का पुल अब इतिहास बन जाएगा। क्योंकि जल्द ही नए रेलवे पुल से ट्रेनों की आवाजाही होगी। क्योंकि ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो चुका है। ट्रेनें तीन महीने में दौड़ने लगेंगी। ]

गाजियाबाद-

पुरानी DELHI को जोड़ने वाली यमुना पर निर्माणाधीन पुल पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है। अगले तीन महीने में इससे ट्रेनें गुजरने लगेंगी। इससे यमुना की बाढ़ रेलवे ट्रैफिक की राह में बाधा नहीं बनेगी। वहीं, करीब 150 साल पुराना लोहे का पुल इतिहास बन जाएगा।

रेलवे ने 1998 में इसके बराबर में नया पुल बनाने की योजना तैयार की थी। 2003 में इसका निर्माण शुरू हुआ। इसकी लागत करीब 137 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन अलग-अलग अड़चनों की वजह से निर्माण कार्य बीच-बीच में रुकता रहा। शुरुआती योजना में लाल किले के बगल में सलीमगढ़ किले के समीप से रेल लाइन को निकाला जाएगा। इस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग ने आपत्ति जता दी। इसके बाद 2011 में रिपोर्ट आई। इसमें किले को बाईपास करके बनाया जाएगा। फिर 2012 में एएसआई ने भी मंजूरी दे दी। अब नए पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच सका हैै।

रानी रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा नया ट्रैक

DELHI मंडल के रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है। पुल के दोनों ओर नए ट्रैक को पुरानी रेलवे लाइन से जोड़ दिया जाएगा। इस काम में थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में पूरी तरह से निर्माण कार्य नवंबर तक पूरा हाेने की उम्मीद है। इसके बाद पुराने लोहे के पुल को रेलवे के लिए बंद कर दिया जाएगा।

ट्रेनों का परिचालन

लगभग डेढ़ सौ वर्ष से अधिक पुराने लोहे के पुल से ट्रेनें धीमी गति से गुजरती हैं। बारिश के मौसम में खासकर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होता है। वहीं जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने पर पुल को यातायात के लिए बंद करना पड़ता है। बीते वर्ष जुलाई में बाढ़ आने पर कई दिनों तक ट्रेनों की आवाजाही बंद की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि यमुना का जलस्तर बढ़ने पर पुल से EMU 15 किलोमीटर प्रतिघंटे, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें 20 किलोमीटर प्रतिघंटे और मालगाड़ियां 10 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से गुजरती हैं।

ट्रेनें थमेंगी और वाहन गुजरेंगे

पुराना लोहे का पुल दो मंजिला है। इसके ऊपरी हिस्से पर ट्रेनें गुजरती हैं, जबकि नीचे की सड़क पर वाहनों की आवाजाही रहती है। नया पुल बनने के बाद रेलवे अपना ट्रैफिक उस पर शिफ्ट देगा। वहीं, नीचे का हिस्सा वाहनों के लिए खुला रहेगा। ट्रेनें बंद होने के बाद गांधी नगर और चांदनी चौक के बीच छोटे वाहनों की आवाजाही बनी रहेगी।

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