
जेएनयू में एक असिस्टेंट प्रोफेसर को बिना अनुमति अनुपस्थिति के कारण नौकरी से निकाले जाने पर विवाद गहरा गया है. छात्र संघ ने कुलपति पर मनमानी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन का ऐलान किया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक असिस्टेंट प्रोफेसर को नौकरी से हटाए जाने के बाद छात्रों और शिक्षकों में नाराज़गी बढ़ गई है. इस फैसले के विरोध में जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित के खिलाफ शुक्रवार (29 अगस्त) शाम साबरमती ढाबा पर प्रदर्शन और प्रशासन का पुतला दहन करने का ऐलान किया है.
यह विवाद सेंटर फॉर पॉलिटिकल स्टडीज (CPS) के एक युवा असिस्टेंट प्रोफेसर से जुड़ा है. प्रोफेसर पिछले साल ही नियुक्त हुए थे और अभी प्रोबेशन पर थे. आरोप है कि उन्होंने इस दौरान कई छुट्टियाँ लीं और इसी वजह से उन्हें नौकरी से हटा दिया गया.
प्रोफेसरकापक्ष
हालांकि प्रोफेसर का कहना है कि उन्होंने छुट्टियों की पूरी जानकारी कुलपति को दी थी. उनका आरोप है कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिए बिना ही नौकरी से निकाल दिया गया.
प्रशासन का तर्क
हाल ही में हुई एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की बैठक में दर्ज मिनट्स के अनुसार, नौकरी से हटाने का कारण “unauthorized absence” यानी बिना अनुमति अनुपस्थिति बताया गया है.
छात्र संघ का आरोप
छात्र संघ का कहना है कि यह कदम पूरी तरह अवैध और मनमाना है. उनका आरोप है कि कुलपति युवा शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करती हैं और उन्हें प्रताड़ित करती हैं. JNUSU ने कहा कि कुलपति अधीनता की मांग करती हैं और जो शिक्षक उनकी बात नहीं मानते, उन्हें दंडित करती हैं.
प्रदर्शन का ऐलान
JNUSU ने छात्रों और शिक्षकों से एकजुट होकर विरोध में शामिल होने की अपील की है. इस प्रदर्शन में शुक्रवार शाम 6 बजे साबरमती ढाबा पर प्रशासन का पुतला जलाया जाएगा.
छात्र संघ के पदाधिकारियों नीतीश कुमार (अध्यक्ष), मनीषा (उपाध्यक्ष) और मुन्तेहा फ़ातिमा (महासचिव) ने बयान जारी कर कहा कि यह सिर्फ एक प्रोफेसर का मुद्दा नहीं, बल्कि जेएनयू में लोकतांत्रिक माहौल को बचाने की लड़ाई है.



