
लालकिला मैदान में पुरानी दिल्ली की 67वीं रामलीला के भव्य मंचन को लेकर भूमि पूजन हुआ. इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं. इसका आयोजन साल 1958 से लगातार हो रहा है. पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक और प्राचीन रामलीलाओं में शामिल नव श्री धार्मिक लीला कमेटी (पंजीकृत) द्वारा आयोजित रामलीला इस साल भी लालकिला मैदान में मंचित होगी. यह आयोजन 1958 से लगातार हो रहा है और इस साल अपने 67वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है.
वर्षों से यह रामलीला न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है. समिति ने इस बार भी परंपरा, अनुशासन और भव्यता के साथ रामलीला का मंचन करने का भरोसा दिया है.
भूमि पूजन में उमड़ा उत्साह
रामलीला के मंचन से पहले भूमि पूजन समारोह बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, महापौर राजा इकबाल सिंह, पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, अशोक देवराहा और चांदनी चौक के बीजेपी जिलाध्यक्ष अरविंद गर्ग मुख्य अतिथि के तौर पर समारोह में शामिल हुए.
भूमि पूजन की इस खास अवसर पर मौजूद लोगों ने रामलीला के महत्व को सराहा और इसके सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी.
रामलीला केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, राष्ट्रीय धरोहर- वीरेंद्र सचदेवा
भूमि पूजन के दौरान दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “नव श्री धार्मिक लीला कमेटी द्वारा लालकिला मैदान में आयोजित यह रामलीला केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक धरोहर है.”
महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि यह रामलीला दिल्ली की पहचान बन चुकी है. उन्होंने कहा कि समिति लगातार समाज को जोड़ने और सांस्कृतिक मूल्यों को जीवित रखने का काम कर रही है, जो सराहनीय है. उनका मानना है कि इस साल का मंचन भी भव्य और अनुकरणीय होगा.
पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने कहा कि भगवान श्रीराम भारतीय संस्कृति के जीवन्त आदर्श हैं. इस रामलीला के मंचन से बच्चों और युवाओं को संस्कार और संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलता है. उन्होंने यह भी कहा कि श्रीराम के आदर्श मर्यादा, सत्य और धर्म आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
इतिहास से जुड़ी गौरवपूर्ण रामलीला
समिति के महासचिव जगमोहन गोटेवाला ने बताया कि यह रामलीला पुरानी दिल्ली की प्राचीन रामलीलाओं में से एक है. उन्होंने गर्व से बताया कि इस रामलीला का अवलोकन कई बड़े नेता और दिग्गजों ने किया है, जिनमें पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, ज्ञानी जेल सिंह, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी परिवार सहित शामिल रहे हैं.
उन्होंने कहा, “हम 1958 से लगातार रामलीला का मंचन कर रहे हैं. इस साल भी इसे और अधिक भव्यता, अनुशासन और उत्साह के साथ मंचित किया जाएगा. यह केवल एक नाटक नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों का उत्सव है.”
सांस्कृतिक विरासत का जश्न
नव श्री धार्मिक लीला कमेटी की इस रामलीला ने पुरानी दिल्ली के लोगों के लिए हर साल उत्सव का माहौल तैयार किया है. रामलीला सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह नई पीढ़ी को संस्कृति, धर्म और नैतिक मूल्यों से जोड़ने का एक मंच भी है.
इस साल भी लालकिला मैदान पर रामलीला के भव्य मंचन के लिए सभी तैयार हैं और राजधानीवासियों में इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है.