
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक्सप्रेसवे पर इस्तेमाल हो रही जर्मनी की उन्नत तकनीक के बारे में भी जानकारी दी गई, जिससे सड़क की मजबूती और टिकाऊपन बढ़ेगा.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि काम तय समय में और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा हो. मुख्यमंत्री ने हरदोई, शाहजहांपुर और हापुड़ जिलों में जाकर निर्माण प्रगति का जायजा लिया और कई जगह खुद कार से सफर कर सड़क की गुणवत्ता को भी परखा.
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को 4 ग्रुप्स में बांटा गया है. इसमें ग्रुप-1 और ग्रुप-2 के काम से मुख्यमंत्री संतुष्ट दिखे, जबकि ग्रुप-3 और ग्रुप-4 के काम में और तेजी लाने को कहा. योगी ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के विकास की रीढ़ बनेगा, इसलिए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने हरदोई जिले के बिलग्राम तहसील, शाहजहांपुर के जलालाबाद और हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में एक्सप्रेसवे के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया. हरदोई में मुख्यमंत्री ने 5 किलोमीटर तक कार से यात्रा कर सड़क की गुणवत्ता देखी और खुद महसूस किया कि सड़क पर सफर कितना आरामदायक है. मुख्यमंत्री को एक्सप्रेसवे पर इस्तेमाल हो रही जर्मनी की उन्नत तकनीक के बारे में भी जानकारी दी गई, जिससे सड़क की मजबूती और टिकाऊपन बढ़ेगा.शाहजहांपुर में मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे पर बन रही 3.5 किलोमीटर लंबी एयरस्ट्रिप का हवाई सर्वे भी किया. यह एयरस्ट्रिप इतनी बड़ी होगी कि लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे. जल्द ही यहां पर एयरशो का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पहली बार नाइट लैंडिंग की भी योजना है. हापुड़ में मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से मुलाकात की, उनके हालचाल पूछे और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई. मुख्यमंत्री ने 18 महीनों में पुल निर्माण का कार्य पूरा करने पर मजदूरों और इंजीनियरों की सराहना की. उन्होंने निर्देश दिया कि हर हाल में तय समयसीमा में काम पूरा किया जाए.
गंगा एक्सप्रेसवे की खासियत
गंगा एक्सप्रेसवे यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जो मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किलोमीटर लंबा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2021 में इसका शिलान्यास किया था. इसका निर्माण 6 लेन में हो रहा है, जिसे आगे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 120 मीटर है और इसे 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सफर करने लायक बनाया जा रहा है.
यूपी के इन 12 जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जैसे 12 जिलों को जोड़ेगा. इससे प्रदेश में कृषि, व्यापार, पर्यटन और निवेश के नए रास्ते खुलेंगे. कुल 518 गांव भी इस परियोजना से सीधे जुड़ेंगे. एक्सप्रेसवे पर यात्रियों के लिए 9 जनसुविधा परिसर, 2 मुख्य टोल प्लाजा और 19 छोटे टोल प्लाजा भी बनाए जा रहे हैं.
36 हजार करोड़ की लागत से बन रहा है एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे पर करीब 36,230 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इसका निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) देख रहा है. इसमें तीन ग्रुप्स को अडानी ग्रुप और एक ग्रुप को आईआरबी कंपनी बना रही है. मुख्यमंत्री योगी खुद समय-समय पर इसका निरीक्षण कर रहे हैं ताकि काम में गुणवत्ता बनी रहे और समय पर जनता को इसका लाभ मिले. गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा और ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना’ के तहत देश के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सपने को भी मजबूती देगा.