
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीएफसी को हिदायत दी कि अगर फिल्म में कोई सीन, डायलॉग या कंटेंट आपत्तिजनक है, तो उसका कारण बताइए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बायोपिक पर विवाद गहराता नजर आ रहा है. बॉम्बे हाईकोर्ट में गुरुवार (7 अगस्त) को सुनवाई के दौरान बताया गया कि सेंसर बोर्ड यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने ‘अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी’ नाम की फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है.
दरअसल, ये फिल्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर लिखी गई एक किताब पर आधारित है. फिल्म के मेकर्स की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि सीबीएफसी के सीईओ ने कहा था कि पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलिए, उनसे एनओसी लाइए, तब जाकर हम फिल्म को सर्टिफिकेट देंगे. यहां तक कि बोर्ड के चेयरमैन ने भी मदद करने की बात कही थी कि वो योगी से मिलने की अपॉइंटमेंट दिलवा सकते हैं.
‘सीबीएफसी एनओसी के लिए नहीं कह सकता’
वहीं कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि सीबीएफसी ये नहीं कह सकता कि मुख्यमंत्री से एनओसी लेकर आइए. कोर्ट ने सीबीएफसी को हिदायत दी कि अगर फिल्म में कोई सीन, डायलॉग या कंटेंट आपत्तिजनक है, तो उसका कारण बताइए, लेकिन किसी अफसर या नेता का सर्टिफिकेट लाने की जरूरत नहीं है.
‘नहीं किया नियमों का पालन’
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोकले की बेंच ने कहा, “आप ये क्यों नहीं बताते कि कौन-कौन से सीन या डायलॉग आपत्तिजनक हैं? आप डिस्क्लेमर भी तो ले सकते हैं. लेकिन आपने नियमों का पालन नहीं किया. 18 अगस्त तक आप फिल्ममेकरों को बताइए कि किन सीन और डायलॉग्स पर आपत्ति है, ताकि वो जरूरी बदलाव कर सकें.”
‘स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद किया रिजेक्ट’ वहीं सीबीएफसी के वकील ने सफाई में कहा कि फिल्म स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद सर्टिफिकेशन रिजेक्ट किया गया था. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि जब आपने 17 जुलाई को खुद कहा था कि नियमों के मुताबिक फैसला लेंगे, तो फिल्म देखकर निर्णय क्यों नहीं लिया?
‘किताब और फिल्म के असर में फर्क’
आज की सुनवाई में सीबीएफसी की ओर से सीनियर वकील अभय खंडेपरकर ने बताया कि अब बोर्ड ने फिल्म देख ली है और उसके बाद रिजेक्ट किया है. सीबीएफसी की तरफ से ये भी कहा गया कि फिल्म बायोपिक है, लेकिन मेकर्स इसे फिक्शनल बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि किताब और फिल्म के असर में फर्क होता है, इसलिए फैसला बोर्ड चेयरमैन के विवेक पर हुआ है.
13 अगस्त तक करना होगा अंतिम फैसला
कोर्ट ने अब निर्देश दिया है कि फिल्म निर्माता 8 अगस्त को रिविजनल कमिटी के पास अपील करें और सीबीएफसी उन्हें 11 अगस्त तक आपत्तिजनक कंटेंट की पूरी जानकारी दे. साथ ही सीबीएफसी को 13 अगस्त तक अपना अंतिम फैसला देना होगा.