
हरियाणा सरकार ने राज्य के संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। अब उन्हें 58 साल की उम्र तक नौकरी की सुरक्षा मिलेगी। इसके लिए हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया है। इस विधेयक के तहत 15 अगस्त 2024 तक पांच साल की पूर्णकालिक सेवाएं पूरी करने वाले संविदा कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी प्रदान की जाएगी। हरियाणा सरकार ने राज्य के संविदा (अनुबंधित) कर्मचारियों को पक्का करने यानी 58 साल की आयु तक जॉब सिक्योरिटी (सेवा की सुरक्षा) प्रदान करने में आ रही तकनीकी बाधाओं को दूर कर लिया है।
प्रदेश सरकार ने फैसला लिया कि 15 अगस्त 2024 को पांच साल की पूर्णकालिक सेवाएं पूरा करने वाले संविदा कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी प्रदान की जाएगी। इसमें सबसे बड़ी बाधा संविदा कर्मचारियों के कार्य के दिनों की अवधि तय करने को लेकर आ रही थी।
हरियाणा सरकार ने पहले प्रविधान किया था कि कैलेंडर वर्ष में 240 दिन तक काम करने वाले यानी इतने दिनों तक पारिश्रमिक प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की सेवा को एक साल की सेवा माना जाएगा।
लेकिन इसमें सबसे बड़ी कमी यह थी कि यदि किसी कर्मचारी ने मई में नौकरी ज्वाइन की और दिसंबर में उसका कैलेंडर वर्ष खत्म हो गया तो मई से दिसंबर माह तक के बीच की नौकरी के अवधि में 240 दिन पूरे नहीं हो सकते। पुराने नियमों के प्रविधानों के अनुसार यह एक साल कर्मचारी की सेवा अवधि में नहीं गिना जाता, जिससे हजारों कर्मचारियों को नुकसान होता।
हरियाणा विधानसभा के इसी बजट सत्र में पेश किए जाने वाले हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) संशोधन विधेयक 2024 में अब पुराने कैलेंडर वर्ष की सेवा गणना के प्रविधानों को हटाकर संविदात्मक सेवा की एक साल की अवधि की परिभाषा बदल दी गई है।
240 दिनों तक काम करना अनिवार्य होगा
नये संशोधित कानून में व्यवस्था की गई है कि एक साल संबंधित कर्मचारी की नौकरी ज्वाइन करने की तारीख से लेकर उसकी एक साल पूरा होने की अवधि में 240 दिनों तक काम करना अनिवार्य होगा। इसे कैलेंडर वर्ष की बजाय संविदात्मक सेवा की एक साल की अवधि कहा जाएगा।कर्मचारियों को एक बड़ी दिक्कत यह भी आ रही थी कि साल 2024 से कट आफ तिथि 15 अगस्त 2024 तक मात्र 227 दिन बनते हैं, जबकि सरकार ने काम करने की अनिवार्यता 240 दिन तय की है। इसे भी अब संशोधित कर दिया गया है।मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से विधानसभा में यह संशोधित अधिनियम पेश किया गया है, जिसे 26 से 28 मार्च के बीच चर्चा के बाद कभी भी पास किया जा सकता है। इस कानून से राज्य के करीब सवा लाख संविदा कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा मिलेगी, जिसके तहत उन्हें पक्के कर्मचारियों के समान बेसिक वेतन दिया जाएगा। ऐसे कर्मचारियों को न्यूनतम पे स्केल से पांच प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।