CM देवेंद्र फडणवीस ने पेश किया जनसुरक्षा विधेयक, जानें क्यों पड़ी इसे लाने की जरूरत?

विधेयक के कार्यान्वयन की निगरानी तीन सदस्यीय प्राधिकरण करेगा, जिसमें हाई कोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज, जिला मजिस्ट्रेट और सरकारी वकील शामिल होंगे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार (10 जुलाई) को महाराष्ट्र जनसुरक्षा विधेयक 2024 विधानसभा में प्रस्तुत किया, जिसमें राज्य में कट्टर वामपंथी विचारधारा और माओवादी प्रभाव से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. सीएम फडणवीस ने कहा कि यह विधेयक उन व्यक्तियों और संगठनों की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए लाया गया है, जो वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं और जिनका प्रभाव शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा है.

यह विधेयक ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव करता है, जो गुरिल्ला युद्ध में शामिल होते हैं, हिंसा को बढ़ावा देते हैं और सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयास करते हैं. फडणवीस ने कहा, ”महाराष्ट्र के कई जिलों विशेष रूप से गढ़चिरौली और कोंकण माओवादी विचारधारा से प्रभावित हुए हैं और यह विधेयक ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने का उद्देश्य से लाया गया है.”

तीन सदस्यीय टीम करेगी निगरानी

विधेयक के कार्यान्वयन की निगरानी तीन सदस्यीय प्राधिकरण करेगा, जिसमें हाई कोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज, जिला मजिस्ट्रेट, और सरकारी वकील शामिल होंगे. यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ कार्रवाई से पहले मामले की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जाए. पत्रकारों की चिंताओं का उत्तर देते हुए फडणवीस ने बताया कि सरकार ने पत्रकार संगठनों से बैठकें की हैं और यह सुनिश्चित किया गया है कि इस विधेयक का दुरुपयोग नहीं होगा.

जनसुरक्षा विधेयक की जरूरत क्यों?

फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि यह विधेयक UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की सीमाओं को पूरा करता है, क्योंकि UAPA केवल सक्रिय आतंकी गतिविधियों तक सीमित है, जबकि यह नया कानून कट्टर वामपंथी विचारधाराओं और हिंसा व गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले संगठनों के खिलाफ व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा.

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, ”तेलंगना, ओडिशा, झारखंड, आंध्रप्रदेश ने इस तरह का कानून बनाया है. देश में सबसे ज्यादा एक्सट्रीम लेफ्ट विचारधारा के संगठन महाराष्ट्र में है. कुल 64 संगठन महाराष्ट्र में एक्टिव हैं. अर्बन नक्सलियों के लिए महाराष्ट्र सेफ हेवन बन गया है. मुंबई, नासिक, पुणे, नागपुर, अमरावती, बीड, कोंकण में इसका फैलाव करना चाहतें हैं. ये संगठन पढ़े लिखे टीचर, ब्युरोक्रैट्स तक को ब्रेन वॉश करतें हैं. इस कानून के तहत किसी एक व्यक्ति को अरेस्ट नहीं कर सकते हैं. अगर वो किसी संगठन का सदस्य होगा, और वो संगठन बैन होता है तभी किसी को अरेस्ट कर सकते हैं.

उन्होंने बताया, ”अगर कोई संगठन इस तरह की गतिविधि में लिप्त है और ये पता चलता है तो पहले सरकार को नोटिफिकेशन निकालना होगा. इसके बाद सरकार को तीन सदस्यी बेंच के पास जाना होगा. इस बेंच में हाईकोर्ट जज, डिस्ट्रिक्ट जज और पीपी होंगे. जब ये नोटिफिकेशन को अप्रूव करेंगे तभी संगठन पर कार्रवाई करेंगे. इसके बाद वो संगठन एक महीने के भीतर हाईकोर्ट को अप्रोच कर सकता है.

बहुत ही बैलेंस कानून बना रहे- फडणवीस

सीएम ने दावा करते हुए कहा, ”बहुत ही बैलेंस कानून बना रहे हैं. अन्य चार राज्यों के मुकाबले बहुत ही प्रोग्रेसिव कानून होगा. ये कानून सिर्फ उन लोगों के खिलाफ है जो देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. देश विरोधियों के खिलाफ आपको कड़ा कानून बनाना ही होगा. पहले सीमी संगठन था, जब सीमी पर पाबंदी लगी तो उन्होने पीएफआई बना दिया. इस कानून का गलत इस्तेमाल नहीं होगा, जो लोग भारत के खिलाफ युद्ध करना चाहतें हैं उनके खिलाफ ये कानून है.”


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