CDS ने रक्षा कंपनियों पर जताई नाराजगी, हथियारों की डिलीवरी पर दो टूक

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भारतीय हथियार कंपनियों की आपातकालीन ऑर्डर पूरा करने में विफलता पर नाराजगी जताई। उन्होंने स्वदेशी दावों पर सवाल उठाते हुए, कंपनियों से राष्ट्रवाद और देशभक्ति दिखाने का आग्रह किया। सीडीएस ने रक्षा सुधार में उद्योगों की भूमिका पर जोर दिया और समय पर डिलीवरी के महत्व को बताया, ताकि देश की क्षमता को नुकसान न हो।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय हथियार बनाने वाली कंपनियों पर नाराजगी जताई है। सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि ये कंपनियां आपतकालीन खरीद के ऑर्डर को भी समय पर पूरा नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां अपने उत्पादों में स्वादेशी सामानों के उपयोग का काफी बढ़ा चढ़ा कर दावा कर रही हैं।

जनरल चौहान ने साफ किया कि सेना को उम्मीद है कि डिफेंस कंपनियां अपने फायदे के कामों में थोड़ा राष्ट्रवाद और देशभक्ति भी दिखाएंगी। एक सेमिनार के दौरान सीडीएस ने ये बातें कहीं।

रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को सीडीएस ने दिया सुझाव

बता दें कि इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस ने जोर देते हुए कहा कि घरेलू उद्योगों को अपनी स्वदेशी क्षमताओं के बारे में सच बताना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी सुधार एकतरफा नहीं किया जा सकता है। सीडीएस का कहना है कि जब रक्षा कंपनियां ऑर्डर लेती हैं और समय पर डिलीवरी नहीं करती हैं, तो इससे देश की क्षमता को नुकसान का सामना करना पड़ता है।

‘केवल सेना और सरकार की जिम्मेदारी नहीं देश की रक्षा’

वहीं, इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने जोर देते हुए कहा कि रक्षा सुधार केवल सरकार या सेना की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें उतनी ही भूमिका उद्योगों की भी है। उन्होंने कहा कि रक्षा से जुड़े उद्योगों को अपनी स्वदेशी क्षमताओं के बारे में सभी को बताना चाहिए।

सीडीएस ने स्पष्ट किया कि कंपनियां सेना को बीच में मझधार में छोड़कर नहीं जा सकती हैं। जब कोई अनुबंध किया जाता है और उसको समय पर पूरा नहीं किया जाता, तो इससे देश का काफी अधिक नुकसान होता है।

Related Articles

Back to top button