
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की कई सीटों पर एक से अधिक दावेदार सक्रिय हैं. साथ ही उम्मीदवार चयन में देरी, कार्यकर्ता असंतोष और सीटों पर खींचतान से पार्टी नेतृत्व उलझन में है. बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होने में केवल कुछ घंटे बचे हैं, लेकिन राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के कई सीटों पर एक से अधिक दावेदार होने की वजह से उम्मीदवारों के चयन में देरी हो रही है. पार्टी नेतृत्व के सामने चुनौती यह है कि एक ओर मजबूत उम्मीदवार चुनें, तो दूसरी ओर असंतुष्ट नेताओं के बागी होने के खतरे को भी टालना है.
तिरहुत क्षेत्र में राजद को सबसे अधिक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. कांटी, शिवहर, हसनपुर और सुगौली सीटों पर जबरदस्त खींचतान है. हसनपुर से पूर्व विधायक तेजप्रताप यादव ने राजद छोड़कर अपनी पार्टी बना ली है, जिससे यहां नए दावेदार सक्रिय हो गए हैं. शिवहर में चेतन आनंद अब एनडीए में शामिल हो चुके हैं, जबकि पूर्व सांसद रघुनाथ झा के पोते और ऋतु जायसवाल के बीच टिकट को लेकर टकराव देखने को मिल रहा है. सुगौली से वर्तमान विधायक शशिभूषण सिंह और कांटी से इजरायल मंसूरी को पार्टी कार्यकर्ताओं में विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
विवादों में भोजपुर जिले की ये चार सीटें
भभुआ और मोहनिया से राजद के पुराने टिकटधारक भरत बिंद और संगीता कुमारी अब एनडीए में जा चुके हैं, जबकि भाजपा से बृजकिशोर बिंद राजद में शामिल हुए हैं. भोजपुर जिले की चार सीटें- जगदीशपुर, संदेश, शाहपुर और बड़हरा भी विवादों में हैं. यहां आधा दर्जन से अधिक नेता टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं. कार्यकर्ता बार-बार एक ही परिवार को टिकट मिलने से नाराजगी जता रहे हैं.
मगध क्षेत्र में विरोध और असंतोष
औरंगाबाद जिले की रफीगंज और नवीनगर सीटों पर भी भारी असंतोष है. रफीगंज से राजद जिलाध्यक्ष समेत 4-5 नेता टिकट के लिए दावेदार हैं. नवीनगर से तीन, ओबरा से चार और गोह से दो नेता टिकट के दावेदार हैं. गोविंदपुर से कौशल यादव, वारिसलीगंज से अशोक महतो की पत्नी अनिता कुमारी और नवादा से श्रवण कुशवाहा के नाम सामने आए हैं. हालांकि पार्टी नेतृत्व ने अभी तक इन पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. कोसी और सीमांचल क्षेत्र में राजद के भीतर दावेदारी का माहौल गर्म
कोसी और सीमांचल क्षेत्र में भी राजद के भीतर दावेदारी का माहौल गर्म है. अलौली से रालोजपा संस्थापक पशुपति पारस के बेटे यशराज पासवान दावेदारी कर रहे हैं. सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद यादव के पार्टी छोड़ने के बाद प्रेम सागर चौधरी और इंद्रदेव यादव सक्रिय हुए हैं. पूर्णिया की बायसी सीट से हाजी अब्दुस सुबहान ने मजबूत दावेदारी पेश की है. छपरा, तरैया और गोरेयाकोठी जैसे जिलों में भी कई दावेदार सक्रिय हैं. यहां उम्मीदवार चयन में देरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं में असमंजस बढ़ा दिया है. छपरा में सुनील राय, अमित गुप्ता और बीरेन्द्र साह, तरैया में मुद्रिका राय, शैलेन्द्र प्रताप और सीमा देवी, गोरेयाकोठी से रेणु यादव, नूतन वर्मा और रविंद्र राय टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं.
राजद नेतृत्व अब भी सभी दावेदारों की राय, कार्यकर्ता समर्थन और सीटों की रणनीति का मूल्यांकन कर रहा है. उम्मीदवारों के चयन में देरी पार्टी के लिए चुनौती बनी हुई है, क्योंकि चुनाव की घोषणा अब बहुत करीब है और समय की कमी ने फैसले को और कठिन बना दिया है.