हरियाणा के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज ने खराब मैनेजमेंट के लिए स्टेट रोडवेज के महाप्रबंधक को फटकार लगाने के अलावा बस स्टैंड प्रभारी को निलंबित करने का निर्देश जारी किया.
हरियाणा की नई सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालते हुए अनिल विज एक्शन में दिख रहे हैं. ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज ने सोमवार (21 अक्टूबर) को अंबाला कैंट बस स्टैंड का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने यात्री सुविधाओं में कई कमियों पर अधिकारियों की खिंचाई की. अपने दौरे के दौरान, विज ने बस स्टैंड प्रभारी को निलंबित करने का निर्देश जारी किया.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मंत्री अनिल विज ने विसंगतियों के लिए हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक को फटकार लगाने के अलावा बस स्टैंड प्रभारी अजीत सिंह को निलंबित करने का निर्देश जारी किया. दुर्गंध को देखते हुए गंदे शौचालयों और पेयजल को लेकर कमियों के मामले में विज ने बस स्टैंड प्रभारी पर कार्रवाई के आदेश दिए.
IAS अधिकारी करेंगे अनियमितताओं की जांच-अनिल विज
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को ट्रांसपोर्ट मंत्रालय आवंटित होने के एक दिन बाद निरीक्षण करते हुए विज ने कहा. ”अंबाला कैंट बस स्टैंड पर अनियमितताओं की जांच एक सीनियर आईएएस अधिकारी द्वारा की जाएगी, जबकि दुकानों के लिए टेंडर और अन्य संबंधित मामलों की भी समीक्षा की जाएगी.” मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को पूछताछ काउंटर पर बसों के आगमन और प्रस्थान के समय के डिजिटल प्रदर्शन की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया.
बस स्टैंड पर खाने-पीने की दुकानों पर भी कार्रवाई के आदेश
निरीक्षण के दौरान, बस स्टैंड पर खाने-पीने की दुकानें अपने निर्धारित स्थान से अधिक फैली हुई पाई गईं, जिसके बाद विज ने अधिकारियों को मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों को परीक्षण के लिए खाद्य पदार्थों के नमूने इकट्ठा करने और आवंटित क्षेत्रों के बाहर रखे गए सामान को जब्त करने का भी निर्देश दिया.
निर्धारित स्थानों पर बसें खड़ी करें- अनिल विज
बस स्टैंड पर फटे हुए साइनबोर्डों के बारे में पूछताछ की गई, अधिकारियों ने दावा किया कि वे तूफान के कारण क्षतिग्रस्त हो गए थे. इस पर मंत्री ने सवाल किया कि उन्हें अभी तक ठीक क्यों नहीं किया गया. उन्होंने निर्धारित स्थानों पर बसें खड़ी न करने वाले ड्राइवर्स के खिलाफ भविष्य में कार्रवाई किए जाने की भी बात कही.
बता दें कि अनिल विज के पास जब मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य और गृह विभाग थे, तो वो अक्सर राज्य भर के विभिन्न दफ्तरों में औचक निरीक्षण करते थे और जहां भी उन्हें कमियां मिलती थीं, कार्रवाई करते थे.