
MP News: इंदौर के भागीरथपुरा में दूषित पानी से लोगों के संक्रमित होने के मामले में CM मोहन यादव ने दी प्रतिक्रिया. लापरवाही पर PHE के अफसर निलंबित किए गए हैं और जांच के बाद ही जलापूर्ति बहाल होगी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से नागरिकों के संक्रमित होने की घटना पर कड़ा रुख अपनाया है. इस मामले में जोन क्रमांक 4 के जोनल अधिकारी, PHE के सहायक यंत्री और प्रभारी सहायक यंत्री को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. वहीं प्रभारी उपयंत्री PHE को सेवा से पृथक किया गया है.
मुख्यमंत्री ने दिया ये संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से नागरिकों के संक्रमित होने की घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया गया है. उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसी के साथ मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक जांच समिति गठित की गई है.
क्या है पूरा मामला?
जांच में सामने आया है कि भागीरथपुरा क्षेत्र की मेन जल आपूर्ति लाइन में लीकेज पाया गया. यह लीकेज चौकी से लगे एक शौचालय के नीचे स्थित मेन लाइन में था. इसी लीकेज के कारण दूषित पानी के पाइपलाइन में मिलने का खतरा बना और क्षेत्र में गंदे पानी की समस्या उत्पन्न हुई.
नगर निगम की कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
इंदौर नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि नगर निगम सुबह से हर मोर्चे पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है. उनके निर्देश पर लीकेज स्थल पर तत्काल मरम्मत कार्य शुरू किया गया. सुधार कार्य पूरा होने के बाद सबसे पहले फ्लशिंग, क्लोरीनेशन और पानी के सैंपल की टेस्टिंग की जाएगी. लैब रिपोर्ट पूरी तरह संतोषजनक आने के बाद ही क्षेत्र में जलापूर्ति बहाल की जाएगी. आयुक्त ने दो टूक कहा कि जनस्वास्थ्य के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई नहीं जाने दी जाएगी.



