मुंबई-दिल्ली-हावड़ा रूट पर ‘कवच’ शुरू करने में दूसरी बार फेल हुआ रेलवे, अब 2026 में प्रोजेक्ट शुरू करने की कोशिश

अधिकारियों के अनुसार, इन रूट पर 25 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और ये इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। बाकी 75 प्रतिशत रूट पर प्रमुख कंपोनेंट्स पहले ही लगाए जा चुके हैं।

भारतीय रेल देश के सबसे प्रमुख रेल रूट मुंबई-दिल्ली-हावड़ा पर कवच सिस्टम लगाने की प्लानिंग पर जोर-शोर से काम शुरू करने की प्लानिंग कर रहा है। रेलवे के नए प्लान के मुताबिक, मुंबई-दिल्ली-हावड़ा रूट पर 2026 में कवच सिस्टम का काम पूरा किया जाएगा। बताते चलें कि इस रूट पर दिसंबर 2025 में काम पूरा करना था और ये दूसरा मौका था जब रेलवे ने इस रूट पर कवच सिस्टम इंस्टॉलेशन पूरा करने से चूक गया। बताते चलें कि कवच एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) सिस्टम है। ये लोको पायलटों को तय की गई स्पीड लिमिट के अंदर ट्रेन चलाने में मदद करता है और अगर स्पीड ज्यादा होती है तो ये सिस्टम ऑटोमैटिकली ट्रेन की स्पीड कम करते हुए इसे रोक देता है।

मुंबई-दिल्ली-हावड़ा रूट पर 25% काम पूरा

अधिकारियों के अनुसार, इन रूट पर 25 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और ये इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। बाकी 75 प्रतिशत रूट पर प्रमुख कंपोनेंट्स पहले ही लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-हावड़ा रूट पर कवच सिस्टम को चालू करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि ये 2026 तक हासिल हो जाएगा।’’ रेल मंत्रालय ने 7 अगस्त, 2024 को कहा था कि इस रूट पर कवच का काम मार्च, 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसने 1 फरवरी, 2025 को ‘संशोधित अनुमान 2024-25 और बजट अनुमान 2025-26 के लिए रेलवे अनुमान’ नामक बजट दस्तावेज में समयसीमा को मार्च से बढ़ाकर दिसंबर 2025 करने की घोषणा की थी।

फरवरी 2016 में शुरू हुआ था कवच का फील्ड टेस्ट

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 17 दिसंबर को लोकसभा में कवच पर जानकारी दी थी। वैष्णव ने कहा था, ‘‘विस्तृत और व्यापक परीक्षणों के बाद, कवच को दिल्ली-मुंबई रूट पर पलवल-मथुरा-नागदा सेक्शन (633 किमी) और दिल्ली-हावड़ा रूट पर हावड़ा-बर्धमान सेक्शन (105 किमी) पर सफलतापूर्वक चालू कर दिया गया है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के बाकी हिस्सों में कवच प्रोजेक्ट को लागू करने का काम शुरू कर दिया गया है।’’ बताते चलें कि ट्रेनों में कवच का पहला फील्ड टेस्ट फरवरी 2016 में शुरू हुआ था और जुलाई 2020 में इसे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अपनाया गया था।

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