UP Politics: योगी सरकार में सपा के बागी नेता बनेंगे मंत्री! नए साल से पहले मिल जाएगा 2027 तक तोहफा?

UP Cabinet Expansion: बीजेपी में संभावित फेरबदल के तहत यूपी मंत्रिमंडल में विस्तार की तैयारी है. भूपेंद्र चौधरी को मंत्री बनाए जाने, डिप्टी सीएम बदलाव और कई नए चेहरों के शामिल होने की चर्चाएं तेज हैं.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के हालिया ऐलान के बाद राज्य सरकार में व्यापक स्तर पर फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को अब मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है, जिसके बाद प्रदेश संगठन में भी बड़े बदलाव संभव हैं.

वर्तमान में यूपी में 54 मंत्री हैं, जबकि कुल 60 मंत्रियों की अनुमति है. यानी छह नए चेहरों को सहज रूप से शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा मौजूदा मंत्रियों में से कुछ को संगठन की जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं, जबकि कुछ नए नेताओं का मंत्रिमंडल में प्रवेश लगभग तय माना जा रहा है.

मंत्रिमंडल की लाइन में SP के बागी विधायक

सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के 7 बागी विधायकों में से 2 से 3 को मंत्रिमंडल में प्रवेश मिल सकता है. इन नामों में सबसे प्रमुख नाम पूजा पाल का बताया जा रहा है. साथ ही ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पूर्व मंत्री मनोज पांडेय भी रेस में हैं.

डिप्टी सीएम पद में भी बड़ा बदलाव संभव

सबसे बड़ी चर्चा डिप्टी सीएम पद को लेकर है. माना जा रहा है कि मौजूदा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को नई राष्ट्रीय भूमिका सौंपी जा सकती है. यह भी जानकारी सामने आई है कि बिहार चुनाव के दौरान मौर्य को नेतृत्व द्वारा बड़ी जिम्मेदारियां देकर आगे बढ़ाया गया था.

इसी क्रम में, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का नाम भी तेजी से उभर रहा है. खबर है कि उन्हें यूपी सरकार में लाकर डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. वह निषाद समुदाय से आती हैं और बीजेपी की तेजतर्रार, जमीनी नेता मानी जाती हैं.

पूर्व मंत्री से लेकर युवा चेहरों तक कई नामों पर चर्चा

इस बार होने वाले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में कई बड़े नाम सामने आ रहे हैं. इनमें शामिल हैं- पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह, जिनकी संगठन में मजबूत पकड़ है. विधायक पंकज सिंह, जो युवा और लोकप्रिय चेहरा है. इनके अलावा सहयोगी दलों को भी प्रतिनिधित्व बढ़ने की संभावना है. माना जा रहा है कि राष्ट्रीय लोक दल (RLD) और अपना दल (S) को एक-एक अतिरिक्त राज्य मंत्री पद दिया जा सकता है.

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