
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के सदस्यों ने सोमवार को श्राइन बोर्ड की नीतियों व रोपवे सहित अन्य जगहों पर आस्था की अनदेखी को लेकर प्रेस वार्ता किया। इस दौरान निर्णय लिया कि मंगलवार को रैली का आयोजन कर विरोध जताया जाएगा।
रैली सुबह 11 कटड़ा स्थित शालीमार पार्क से शुरू होकर मुख्य बाजार से होते हुए बस स्टैंड जम्मू रोड से निकलकर श्राइन बोर्ड कार्यालय में सीईओ श्राइन बोर्ड को ज्ञापन सौंपेगी। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह महामंत्री करण सिंह, वरुण मल्होत्रा, पन्नी सधोत्रा, रवि नाग, ओंकार सिंह सहित अन्य ने श्राइन बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड लगातार आस्था और परंपराओं के विरुद्ध निर्णय ले रहा है। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी यात्रा का स्वरूप सदियों से आस्था परंपरा और स्थानीय संस्कृति से जुड़ा रहा है लेकिन श्राइन बोर्ड के गठन के बाद से यात्रा की मूल संरचना में बड़े बदलाव किए गए हैं।
करण सिंह ने आरोप लगाया कि श्राइन बोर्ड यात्रा के उन महत्वपूर्ण पड़ावों और पारंपरिक रास्तों को बाईपास करने जा रहा है जो श्रद्धालुओं के लिए केवल मार्ग ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान भी थे। उनका कहना है कि इन पड़ावों को हटाने से न केवल यात्रा की आध्यात्मिकता कम हुई है बल्कि इससे लाखों परिवारों का रोजगार भी प्रभावित हुआ है। बोर्ड के निर्णयों के चलते स्थानीय दुकानदारों, पोनीवालों, पिट्ठू, पालकीवालों, लंगर समितियों और यात्रा से जुड़े परंपरागत कारोबारियों की और से देश भर से आने वाला सामान धर्मनगरी कटड़ा में बिकने वाली हर चीज की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
केंद्र सरकार से मांग की कि श्राइन बोर्ड की नीतियों की समीक्षा की जाए और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए जाएं। अब श्राइन बोर्ड के मेडिकल कॉलेज को लेकर पूरी दुनिया को श्राइन बोर्ड की नीतियों का पता चला। समिति कटड़ा रोपवे परियोजना के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करने जा रही है। उन्होंने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड मां वैष्णो देवी की यात्रा की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है तो दूसरी ओर पवित्र त्रिकुट पर्वत को नुकसान पहुंचा रहा है जिसे संघर्ष समिति कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के साथ संघर्ष समिति की कई बार हुई बातचीत में आश्वासन मिला है कि जब तक संघर्ष समिति तथा कटड़ा वासियों के साथ बातचीत पूरी नहीं हो जाती तब तक रोपवे का निर्माण कार्य स्थगित रहेगा। इसके बावजूद श्राइन बोर्ड द्वारा गुपचुप तरीके से लगातार रोपवे परियोजना का निर्माण कार्य जारी रखा हुआ है।



