बिहार में सरकार बनते ही सत्ता पक्ष विधायकों को तोड़ने में जुटा? इस पार्टी के दावे से खलबली

Bihar Politics: रामगढ़ सीट से बीएसपी के सतीश कुमार सिंह यादव ने मात्र 30 वोट के अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह को हराया था. अब पार्टी का कहना है कि इन्हें प्रलोभन दिया जा रहा है.
बिहार में भारी बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बन गई है लेकिन इस बीच सत्ता पक्ष पर एक गंभीर आरोप लगा है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी. अब पार्टी का कहना है कि इस एक विधायक को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. दावे से सियासी गलियारे में खलबली मच गई है.

दरअसल कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से बीएसपी के सतीश कुमार सिंह यादव ने मात्र 30 वोट के अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह को हराया था. बुधवार (26 नवंबर, 2025) को पटना के महाराजा कॉम्प्लेक्स में बीएसपी ने एक बैठक की. मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने संगठन की मजबूती और विधायकों की निष्ठा पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी दल-बदल के किसी भी प्रयास का डटकर मुकाबला करेगी.

अनिल कुमार ने किया विधायक को तोड़ने का दावा

बैठक में मौजूद बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने दावा किया कि सत्ता पक्ष लगातार संपर्क साध रहा है और सतीश यादव को अपने पक्ष में करने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन बीएसपी विधायक किसी भी दबाव या लालच में नहीं आने वाले. यह आरोप इसलिए भी अहम माने जा रहे हैं क्योंकि बिहार में बीएसपी विधायकों के दलबदल का इतिहास रहा है. 

2020 में जमा खान ने बदला था पाला

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की चैनपुर सीट पर बीएसपी के मोहम्मद जमा खान ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2021 में उन्होंने बीएसपी का साथ छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बना दिया था. जमा खान इस बार भी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर चैनपुर से चुनाव जीत चुके हैं और एक बार फिर नीतीश सरकार में मंत्री बनाए गए हैं. वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं. 

इस पृष्ठभूमि में बीएसपी को आशंका है कि 2025 में जीत हासिल करने वाले उनके एकमात्र विधायक भी सत्ता पक्ष की रणनीति का निशाना बन सकते हैं. पार्टी की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई और पार्टी नेतृत्व ने संकेत दिया कि संगठन किसी भी प्रकार की टूट या दल-बदल की आशंका को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.

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