
Mahayuti Dispute: निकाय चुनावों से पहले, शिवसेना विधायक नीलेश राणे ने BJP प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण पर गठबंधन तोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अन्य जगहों पर समझौता हुआ. लेकिन यहां चव्हाण ने गलत किया.
शिवसेना विधायक नीलेश राणे ने महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (BJP) इकाई के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण को सिंधुदुर्ग में दो दिसंबर को होने वाले नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव से पहले महायुति गठबंधन टूटने का दोषी ठहराया है. नीलेश राणे ने सिंधुदुर्ग नव गठित शहर विकास आघाडी के प्रचार अभियान के दौरान कहा कि गठबंधन BJP के वरिष्ठ नेतृत्व के कारण नहीं, बल्कि रवींद्र चव्हाण के कारण टूटा है.
बता दें, नीलेश राणे और रवींद्र चव्हाण के बीच संबंध पहले भी तनावपूर्ण रहे हैं. नीलेश राणे ने सवाल किया, ‘‘अगर रत्नागिरी के राजापुर और लांजा में शिवसेना के साथ सीट बंटवारा संभव था और ऐसा समायोजन चिपलुन में भी हो सका, तो सिंधुदुर्ग के प्रति नाराजगी क्यों?’’
बीजेपी पर लगाया शिवसेना की सीटें छीनने का आरोप
उन्होंने दावा किया, ‘‘मालवन में हम 10 सीट देने को तैयार थे और सवंतवाडी में (शिवसेना नेता) दीपक केसरकर 50-50 फॉर्मूले के लिए तैयार थे. कणकवली में हमें कहा गया कि हम केवल एक या दो सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं. बैनर से हमारी तस्वीरें हटा दी गईं. अगर उन्होंने सिर्फ मेरी तस्वीर हटाई होती तो ठीक था, लेकिन (उप मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख) एकनाथ शिंदे की तस्वीर हटाने से हमें दुख हुआ.’’
पिता नारायण राणे जो कहेंगे, वो स्वीकार होगा
नीलेश राणे ने रवीद्र चव्हाण के सिंधुदुर्ग में तीन दिन तक रहने पर भी सवाल उठाया और कहा, ‘‘वह अंतिम चरण में बताएंगे कि उनकी बैठकों में क्या निर्णय लिया गया.’’ उन्होंने कहा कि मतभेद के बावजूद शिवसेना ने गठबंधन बनाए रखने का प्रयास किया. नीलेश ने कहा कि अब उन्होंने फैसला किया है कि (उनके पिता और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता) नारायण राणे जो भी कहेंगे वह उन्हें स्वीकार होगा.
नीलेश राणे ने यह भी कहा कि गठबंधन नहीं चाहने के कारण अब भी स्पष्ट नहीं हैं. केवल रवींद्र चव्हाण ही इसे समझा सकते हैं. शहार विकास आघाडी में शिवसेना, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा), कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) शामिल हैं.
क्या बोले छोटे भाई नितेश राणे?
नीलेश के छोटे भाई, बीजेपी नेता और राज्य के मंत्री नितेश राणे ने विवाद को तूल नहीं देने की कोशिश की और कहा, ‘‘उनके भाई ने किसी का नाम नहीं लिया है.’’ रवींद्र चव्हाण और बीजेपी के अन्य नेताओं ने नीलेश राणे के आरोपों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.



