
सीजेआई बी आर गवई ने कहा कि वह बौद्ध धर्म को मानते हैं, लेकिन किसी भी धर्म को लेकर उन्होंने बहुत गहन अध्ययन नहीं किया है.
मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई (CJI BR Gavai) ने कहा है कि वह धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं, सब धर्मों में विश्वास रखते हैं और बौद्ध धर्म का पालन करते हैं. सीजेआई बी आर गवई ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से ये चीजें सीखी हैं, जो खुद एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सीजेआई बी आर गवई के रिटायरमेंट से पहले फेयरवेल का आयोजन किया था, जहां उन्होंने ये बातें कहीं. सीजेआई गवई ने कहा, ‘मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं, लेकिन मैंने किसी भी धर्म का बहुत गहराई से अध्ययन नहीं किया है. मैं पूरी तरह से एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं. मैं इस्लाम, हिंदू, बौद्ध, सिख सभी धर्मों में विश्वास रखता हूं. मैंने ये अपने पिता से सीखा है.’
सीजेआई बी आर गवई ने कहा, ‘मेरे पिता भी धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे. वह डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे और मैंने बचपन में हमेशा देखा है कि जब भी वह राजनीतिक कार्यक्रमों में जाते थे और उनके दोस्त उनसे कहते थे- सर यहां चलो, यहां बहुत प्रसिद्ध दरगाह है, यहां का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है. तो मैं इस तरह सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बड़ा हुआ हूं.’ जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि वह 41 सालों की यात्रा के अंत पर संतोष की भावना के साथ 23 नवंबर को यह पद छोड़ेंगे और जस्टिस सूर्यकांत को जिम्मेदारी सौंपेंगे. इस दौरान उन्होंने जस्टिस सूर्यकांत के साथ अपने शुरुआती जीवन के बारे में भी बात की और कहा कि वह दोनों बहुत सामान्य परिवार से हैं. सीजेआई गवई ने बताया कि वह महाराष्ट्र के अमरावती के सेमी-स्लम एरिया के म्युनिसिपल स्कूल में पढ़े हैं, जबकि जस्टिस सूर्यकांत ने हिसार के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है.
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 23 नवंबर को सीजेआई के पद से रिटायर हो रहे हैं. वह देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश हैं, जिन्होंने 14 मई को सीजेआई का पद संभाला था. सीजेआई के तौर पर उनका कार्यकाल 6 महीने 6 दिनों का है, जबकि वह साढ़े 6 सालों से सुप्रीम कोर्ट के जज हैं.
जस्टिस सूर्यकांत उनके बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं, इसलिए वह सीजेआई का पद संभालेंगे. सीजेआई गवई ने ही उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को सीजेआई का पद संभालेंगे और वह करीब डेढ़ साल के लिए इस पद पर रहेंगे. उनका कार्यकाल 9 फरवरी, 2027 तक है. वह इस समय 62 साल के हैं और 10 फरवरी को उनकी उम्र 65 साल हो जाएगी, जिससे एक दिन पहले उनका रिटायरमेंट है.



