
Nitish Cabinet 2025: नीतीश कुमार के नए मंत्रिपरिषद के एक बात तो साफ है कि एनडीए ने जातीय संतुलन साधने को लेकर काफी काम किया है. मंत्रिपरिषद में शामिल 26 सदस्यों में से 10 पहली बार मंत्री बने हैं. बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने गुरुवार (20 नवंबर 2025) को दसवीं बार पद और गोपनीयता की शपथ ली. नई सरकार के 26 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पुराने अनुभवी नेताओं के साथ 10 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जिसमें जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर विशेष ध्यान दिया गया है. नई सरकार में जेडीयू और बीजेपी के कई वरिष्ठ मंत्रियों को दोबारा मौका दिया गया.
पहली बार मंत्री बने 10 विधायक
मंत्रिपरिषद में शामिल 26 सदस्यों में से 10 पहली बार मंत्री बने हैं. नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को बरकरार रखा गया है, जो पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे. वहीं जेडीयू ने अपने पुराने मंत्रियों बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार को भी मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है.
मंगल पांडेय समेत ये नेता फिर बने मंत्री
बीजेपी ने अपने पूर्व मंत्रियों मंगल पांडेय, सुरेंद्र प्रसाद मेहता और नितिन नविन को दोबारा कैबिनेट में शामिल किया है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी मंत्रिमंडल में वापसी की हैं. एक अन्य मंत्री नारायण प्रसाद की भी वापसी हुई है. साल 2022 में एनडीए से नीतीश के अचानक अलग होने पर जायसवाल और नारायण प्रसाद ने अपना पद गंवा दिया था और पिछली बार जेडीयू के एनडीए में लौटने पर भी उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी.
नीतीश कैबिनेट से यादव और ईबीसी को संदेश?
एनडीए के अन्य सहयोगियों में हम (सेक्युलर) ने फिर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन को अपना मंत्री बनाया है. नए चेहरों में जमुई से बीजेपी विधायक और शूटिंग खिलाड़ी रह चुकीं श्रेयसी सिंह, औराई की विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री जय नारायण निषाद की बहू रमा निषाद शामिल हैं. इन्हें पार्टी के ईबीसी मल्लाह समुदाय के प्रति पहुंच बढ़ाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है.
आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को भी कैबिनेट में जगह मिली है, हालांकि वे विधायक नहीं हैं. उम्मीद है कि दीपक को छह महीने के भीतर विधान परिषद में भेजा जा सकता है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम कृपाल यादव ने भी मंत्रिमंडल में वापसी की है. उन्होंने दानापुर विधानसभा सीट से आरजेडी के रितलाल यादव को हराया था.
एलजेपी (रामविलास) से संजय कुमार सिंह और संजय कुमार को मंत्री पद दिया गया है. मंत्रिमंडल में तीन महिला मंत्री हैं, जिनमें जदयू की लेसी सिंह और पहली बार मंत्री बनीं श्रेयसी सिंह व रमा निषाद हैं. जामा खान एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मंत्रिमंडल की संरचना से नीतीश कुमार का सामाजिक संतुलन साधने का प्रयास स्पष्ट झलकता है.
एनडीए का जातीय समीकरण
कुल 27 सदस्यों में से आठ सवर्ण, पांच दलित, एक मुस्लिम और 13 ओबीसी/ईबीसी वर्गों से हैं. दलीय आधार पर बीजेपी को 14, जेडीयू को 8, एलजेपी (रामविलास) को 2, जबकि HAM और आरएलएम को एक-एक मंत्री पद मिला है. नए मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री नितीश मिश्रा, जीवेश मिश्रा और संजय सरावगी को जगह नहीं मिली है. राज्य मंत्रिमंडल की अधिकतम सीमा मुख्यमंत्री समेत 36 सदस्यों की है.



