
हरिओम योग केंद्र चैरिटेबल ट्रस्ट एवं चौइथराम कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में ‘योग संकल्प 2025’ द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य “योग से समग्र स्वास्थ्य की ओर” के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है।
मुख्य अतिथियों ने बताया योग का महत्व
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री डॉ. एच.आर. नागेन्द्र (चांसलर, एस-व्यासा यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु) और डॉ. ईश्वर वी. बसवरड्डी (डायरेक्टर, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, जयपुर) उपस्थित थे। अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि शरीर रूपी घट को शुद्ध जल से भरने का असंभव कार्य केवल योग विधा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि आज योग रसिकों को योग साधकों में बदलने की महती आवश्यकता है, क्योंकि संकल्प और विकल्प कभी साथ नहीं हो सकते। इसी अंतर को समझने से जीवन सफल हो सकता है। सम्मेलन में देश-विदेश से 500 से अधिक गणमान्य योगाचार्य एवं विद्वान शामिल हुए।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और सम्मान समारोह
सम्मेलन का आरंभ सलिल दाते के मधुर बांसुरी वादन और कुमारी मिशा पटेल की सुंदर योग प्रस्तुति के साथ हुआ। इस अवसर पर योग क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. निर्मल महाजन एवं श्री बालकृष्ण भालिका को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
शोध पत्र प्रस्तुति एवं अन्य गतिविधियां
आयोजन के अंतर्गत आकर्षक पोस्टर प्रदर्शनी, योग क्विज़, लकी ड्रॉ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें योग साधकों एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सम्मेलन में 48 में से 10 चयनित योग वैज्ञानिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इनमें प्राणायाम की दिव्य यात्रा, कलर थेरेपी, त्राटक, आहार तथा दुर्गा सप्तशती के बीज मंत्रों और योग के समायोजन जैसे विषयों पर प्रभावी प्रस्तुतियां दी गईं। विजेता को डॉ. आर. सी. वर्मा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
आयोजन अध्यक्ष अश्विनी वर्मा और सचिव डॉ. संजय लोंढे ने बताया कि सम्मेलन के सत्रों में विक्रम विश्वविद्यालय के डॉ. राजेश्वर शास्त्री मूसलगावकर, डॉ. अपार साओ, पवन गुरु, डॉ. रचना वर्मा, डॉ. हेमंत शर्मा जैसे कई विद्वान ध्यान, योग चिकित्सा और जीवनशैली परिवर्तन पर व्याख्यान दिया।



