
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल में राज्य में हुई सड़क दुर्घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इसे जीवन के अधिकार के उल्लंघन से जोड़ते हुए राज्य सरकार से सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों पर तत्काल जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति अनूप सिंह और न्यायमूर्ति पीएस भाटी की खंडपीठ ने हाल की घटनाओं का हवाला दिया।
जैसे- जैसलमेर में स्लीपर बस में 26 लोगों की मौत, फलोदी में टेंपो-ट्रक टक्कर में 15 लोगों की जान जाना और जयपुर में डंपर की टक्कर से 14 लोगों की मौत। इन हादसों ने कोर्ट को तत्काल कार्रवाई पर जोर देने के लिए मजबूर किया है। कोर्ट ने मेडिकल, पीडब्ल्यूडी, होम, ट्रांसपोर्ट और एनएचएआई समेत कई सरकारी विभागों के वकीलों को भी सड़क सुरक्षा पर रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि व्यापक लापरवाही और उदासीनता समाज के दुख को बढ़ा रही। कोर्ट ने 5 न्याय मित्र भी नियुक्त किए हैं, जो इस मुद्दे पर मजबूत नियामक ढांचा बनाने के लिए ठोस सुझाव देंगे। मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।



