
Delhi News: दिल्ली के उपनगरी द्वारका में 27 हजार वर्ग मीटर में भव्य छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है. इस बार बच्चों के मनोरंजन के लिए इको-फ्रेंडली स्मॉल मेला भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
राजधानी दिल्ली समेत देश भर में छठ पूजा का भव्य आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जा रहा है. सरकारी आकड़ों की बात करें तो दिल्ली में 13 सौ से ज्यादा जगहों पर दिल्ली सरकार द्वारा सारी सुविधाओं के साथ छठ पूजा घाट तैयार करवाएं गए हैं. लेकिन आपको हम एक ऐसी छठ घाट के बारे में आपको जानकारी देना चाहते हैं जो दिल्ली के उपनगरी द्वारका के DDA ग्राउंड में बनाया गया है. 27 हजार वर्ग मीटर में बनी 43 घाट वाली ये पूजा ग्राउंड लोगो के बीच काफी चर्चित हो गया है.
यहां के हर छठ पूजा घाट का नामांकन किया गया है जिसमें बहुचर्चित माउंटेनमैन दशरथ मांझी, स्वर्गीय शारदा सिंहा समेत पूर्वांचल के ऐतिहासिक महापुरुषों, धार्मिक तीर्थ स्थलों और नदियों के नाम पर रखे गए हैं जो लोगों के बीच काफी चर्चित हो गया है.
भव्य तैयारी और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
इस पूजा स्थल पर द्वारका और आसपास के इलाकों के साथ देश-विदेश से भी छठवर्ती अपने परिवार के साथ पूजा करने आते हैं. यहां हर बार की तरह इस बार भी पक्के कृत्रिम घाट में 3 से 4 फीट तक स्वच्छ जल के साथ पूरे ग्राउंड में पहले मिट्टी से जमीन को समतल बनाया गया और उसपर मेट डाला गया है ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. पूरे पूजा स्थल को फूल-मालाओं से सजाने के साथ सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं. फायर टीम के साथ फायर की गाड़ी, डॉक्टर्स की टीम के साथ 2 एंबुलेंस, सुरक्षा के लिए पुलिस, 40 सिविल डिफेस, 50 वालंटियर्स और 30 सिक्योरिटी गार्ड की टीम तैनात दिखी.
22 साल पुरानी परंपरा और लोगों का सहयोग
द्वारका छठ पूजा कमिटी के प्रेजिडेट रॉबिन शर्मा ने एबीपी लाइव को जानकारी देते हुए बताया कि ये आयोजन पिछले 22 सालों से इसी DDA ग्राउंड में आयोजित किया जा रहा है. शुरुआती समय में गड्ढा खोद प्लास्टिक डालकर कुछ घाट बनाकर छठ पूजा की शुरुआत की गई. लोगो का प्यार और सहयोग देख धीरे – धीरे इसे और बेहतर और व्यवस्थित करते हुए पिछले कुछ सालों से भव्य आयोजन का रूप दिया गया जो बिलकुल सफल साबित हुआ. उन्होंने आगे बताया कि इस भव्य कार्यक्रम के लिए ये दिल्ली सरकार समेत किसी अन्य सरकारी संस्था से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं लेती है ये बस अपनी संस्था में आमलोगों से जमा हुए सहयोग के प्यार और आशीर्वाद रूपी पैसे से ही इस कार्यक्रम को करती है.
एकता, संस्कृति और पूर्वांचली पहचान का संदेश
इस छठ पूजा आयोजन का मकशद सिर्फ पूजा के लिए व्यवस्था देना ही नहीं. मकशद भाई-चारा, विश्वास और भरोसा जगाने के साथ युवाओं और बच्चों को पूर्वांचली सभ्यता, ऐतिहासिक महापुरुषों, धार्मिक तीर्थ स्थल और नदियों के नाम के बारे में रूबरू कराना भी है. इसलिए सभी 43 बने छठ पूजा घाट का नाम माउंटेनमैन दशरथ मांझी, स्वर्गीय शारदा सिंहा, गंगा, यमुना नदी समेत अन्य नामों पर रखा गया है. एक ग्राउंड में बने इस 43 घाटों पर हर जाती के लोग पूजा करने आते हैं और उनके साथ इस पूजा में शामिल होने के लिए सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं. यहां सिर्फ दिल्ली NCR से ही नहीं विदेशों से लोगबाग पूजा करने या उसमें शामिल होने के लिए आते हैं.
श्रद्धालुओं की भावनाएं और आयोजकों की मेहनत
पूजा में शामिल होने आए पूजावर्ती और उनके परिजनों ने एबीपी लाइव से बात करते हुए बताया कि इस पूजा स्थल पर पूजा संबंधी सभी प्रकार की व्यवस्था के साथ सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम किया है. इस भव्य आयोजन में बड़े पैमाने पर घाट होने बाद लोगों की भीड़ भी काफी संख्या में होती है लेकिन सबकुछ स्मूथ रहा. ऐसे आयोजन करने वाले आयोजक को स्पोर्ट कर बढ़ावा देना चाहिए ताकि सभी छठपूजा वर्ती आराम से 2 दिन घाट पर पूजा कर सके.



