उत्तराखंड में जल्द हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, चर्चा में पुराने मंत्रियों के नाम

Uttarakhand News: उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज, धामी सरकार में शामिल पुराने मंत्रियों के प्रदर्शन और बदलाव को लेकर अटकलें जारी हैं. नवंबर तक बड़ा फैसला हो सकता है संभव. उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की चर्चा जोरों पर है. ऐसे में उन तमाम मंत्रियों की बात होगी जो पिछले कई सालों से मंत्री पद संभाल रहे हैं. इनमें पिछले 8 सालों की अगर बात करें तो सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, रेखा आर्या, धन सिंह रावत – यह चारों मंत्री पिछले 8 साल से उत्तराखंड में मंत्री पद संभाल रहे हैं. यह चार मंत्री त्रिवेंद्र सरकार में भी मंत्री थे और पुष्कर सिंह धामी सरकार में भी मंत्री रहे. पिछले 8 साल से मंत्री पद संभाल रहे इन चारों मंत्रियों की क्या उपलब्धियां हैं, यह एक बड़ा सवाल है.

गुजरात मंत्रीमंडल के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है. तमाम मंत्रियों की बात हो रही है जो पिछले कई सालों से मंत्री हैं और अपने विभागों की कमान संभाल रहे हैं. क्या धामी सरकार में भी गुजरात मॉडल को अपनाया जाएगा और इन तमाम मंत्रियों की विदाई के बाद दोबारा नए मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, यह एक बड़ा सवाल है.

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि प्रदेश में मंत्रिमंडल में जितने भी मंत्री शामिल हैं उनकी उपलब्धि शून्य है. सतपाल महाराज उपलब्धि बताते हैं कि प्रदेश में इतने पर्यटक आए, लेकिन वह यह बताना भूल जाते हैं कि साढ़े चार महीने में आपदा ने कितना नुकसान किया और प्रदेश में कितने लोगों की जान गई.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैथल का कहना है कि हमारे सभी मंत्री बेहतरीन काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य महक में ऐसा काम किया गया है जो पहले कभी नहीं हुआ. प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है. चार धाम यात्रा को सुगम और शानदार बनाने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं. मंत्रिमंडल विस्तार का विषय मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार है.

मंत्रिमंडल विस्तार की संभावित तारीख

लगातार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इशारा दिया है कि नवंबर महीने में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है, क्योंकि 11 नवंबर तक बिहार चुनाव होने हैं. गुजरात में मंत्रिमंडल के इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड में भी राजनीतिक गतिविधियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं.

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