
सफदरजंग अस्पताल के एनेस्थीसिया एवं इंटेंसिव केयर विभाग द्वारा शनिवार को “विश्व होस्पिस एवं पैलिएटिव केयर दिवस 2025” का आयोजन किया गया। इस वर्ष का वैश्विक थीम था — “Achieving the Promise: Universal Access to Palliative Care” (प्रतिज्ञा को पूरा करना: पैलिएटिव केयर की सार्वभौमिक पहुंच)।

यह कार्यक्रम पेन एवं पैलिएटिव केयर टीम द्वारा आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य जीवन-सीमित बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण देखभाल के महत्व को रेखांकित करना था। कार्यक्रम की शुरुआत “लिविंग विल” विषय पर एक प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ के व्याख्यान से हुई। इसके बाद एक नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि पैलिएटिव केयर न केवल जीवन की गुणवत्ता सुधारता है, बल्कि अंतिम क्षणों तक गरिमा बनाए रखने में भी सहायक है।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. चारु बंबा (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट), डॉ. वंदना तलवार (डीन, जी.जी.एस.आई.पी. यूनिवर्सिटी), डॉ. अमिता गुप्ता, डॉ. अमिता साहनी, डॉ. मधु दयाल, डॉ. तिलक राज (ए.एम.एस.) तथा डॉ. सवीना रहेजा सहित अस्पताल के संकाय सदस्य, छात्र, नर्सिंग स्टाफ और मरीज उपस्थित रहे। अपने संबोधन में डॉ. वंदना तलवार ने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पैलिएटिव केयर मानवता, सहानुभूति और समग्र देखभाल का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हर मरीज को सुख, गरिमा और सम्मानजनक जीवन का अधिकार है।
डॉ. चारु बंबा ने समर्पित पैलिएटिव केयर टीम के कार्यों की प्रशंसा की और इस बात पर जोर दिया कि विभाग का लक्ष्य ऐसे सभी मरीजों तक पैलिएटिव सेवाएं पहुंचाना है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। वहीं डॉ. अमिता साहनी, डॉ. अमिता गुप्ता और डॉ. मधु दयाल ने विभिन्न चिकित्सा शाखाओं में पैलिएटिव केयर के एकीकरण पर अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम के अंत में मरीजों को उपयोगी उपहार भेंट किए गए ताकि उनका मनोबल बढ़ाया जा सके। समारोह का समापन इस सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि पैलिएटिव केयर की जागरूकता, उपलब्धता और गुणवत्ता को और सुदृढ़ बनाया जाएगा, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के अंतिम चरण में भी सम्मानजनक और करुणामय देखभाल प्राप्त हो सके।