
पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव हैं। सभी दलों की चुनाव पर अभी से नजर है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने चुनाव के लिए अभी से पकड़ बनाना शुरू कर दी है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को राज्यसभा की टिकट देकर एक बार फिर से उद्योगपतियों को साधने का प्रयास किया है। वर्ष 2027 विधानसभा चुनाव में उद्योग वर्ग अहम भूमिका निभाने वाला है। प्रदेश में इससे जुड़ा अच्छा खासा वोट बैंक भी है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए आप कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इससे पहले दो उद्योगपतियों और एक बिजनेसमैन की राज्यसभा में पार्टी एंट्री करवा चुकी है।
संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद फिर से उद्योग वर्ग से उद्योगपति विक्रमजीत सिंह साहनी के रूप में सिर्फ एक सांसद रह गया था। इसके अलावा एक बिजनेसमैन अशोक कुमार मित्तल भी आप से राज्यसभा में सांसद है। उद्योगपतियों के अहम रोल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आप सरकार ने पंजाब व हरियाणा के बॉर्डर पर लगे किसानों का मोर्चा भी हटा दिया था, जिस कारण उद्योगपतियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा था।
उद्योगपतियों के साथ बैठक के बाद ही यह कार्रवाई सामने आई थी। राजिंद्र गुप्ता ने छोटी उम्र से ही हाथ से मेहनत की और फिर ट्राइडेंट समूह खड़ा किया, जिसके वह चेयरमैन बने। उन्होंने टेक्सटाइल, पेपर व केमिकल उद्योग का संचालन किया। गुप्ता अकाली दल और कांग्रेस की सरकारों में अहम पदों पर रहे हैं। वह दोनों सरकारों के दौरान योजना बोर्ड के वाइस चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन रहे हैं। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। पंजाब में राज्यसभा की 7 सीटें हैं। इनमें से एक पद रिक्त हैं। साहनी और मित्तल के अलावा पर्यावरणविद बलबीर सिंह सीचेवाल, आप नेता राघव चड्डा, आप नेता संदीप कुमार पाठक, क्रिकेटर हरभजन सिंह भी इसमें हैं।