
उत्तराखंड सरकार ने वन्यजीव हमलों में हताहत होने वाले परिजनों के लिए राहत की बड़ी घोषणा की है. जिसमें अब छह लाख की जगह प्रदेश सरकार अब 10 लाख का मुआवजा देगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये घोषणा शुक्रवार को देहरादून में वाइल्डलाइफ वीक उद्घाटन के दौरान चिड़ियाघर में की. उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ा है. जिसमें लोगों की अधिक मौतें देखने को मिल रहीं हैं.
प्रदेश में आबादी वाले इलाकों में लगातार जंगली जानवरों की दस्तक बढ़ी है. पहले ये संख्या नगण्य थी, जबकि इन दिनों काफी बढ़ गयी है. बाघ, तेंदुआ, भालू और हाथी जैसे जानवर अक्सर जान ले लेते हैं.
सीएम धामी ने चिड़ियाघर में की घोषणा
Dehradun News: राज्य में वर्ष-2000 से 2024 तक वन्यजीवों के हमले में 1221 लोगों की मौत हुई थी और 6123 लोग घायल हुए थे. प्रदेश में इस साल भी वन्यजीवों के हमले में कई लोगों की मौत हो चुकी है. शुक्रवार को वाइल्डलाइफ वीक उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में वन्यजीव आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं. जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है, इससे कई दुर्घटनाएं हुई हैं. धामी ने बताया कि ऐसे मामलों में अब मृतक के परिजनों को छह लाख की जगह 10 लाख रुपये सहायता राशि दी जाएगी.
चार सालों में 12 सौ से अधिक मौतें
बता दें कि राज्य में वर्ष-2000 से 2024 तक वन्यजीवों के हमले में 1221 लोगों की मौत हुई थी और 6123 लोग घायल हुए थे. प्रदेश में इस साल भी वन्यजीवों के हमले में कई लोगों की मौत हो चुकी है. कई बार पीड़ित परिवार अधिक मुआवजे की मांग करते हैं.
अभी तक छह लाख का था प्रावधान
राज्य में अभी तक वन्यजीवों के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर प्रभावित परिवार को छह लाख की सहायता राशि देने का प्रावधान है. इसी वर्ष अगस्त में वन विभाग ने शासन को एक पत्र लिखा था. इसमें अनुग्रह राशि को 10 लाख करने का अनुरोध किया गया था. पत्र में ऐसे मामलों में महाराष्ट्र में 25 लाख देने, कर्नाटक में 20 लाख देने, बिहार और उड़ीसा में 10-10 लाख की अनुग्रह राशि देने का उल्लेख किया गया था.