
राजस्थान कारागार विभाग की विभागीय पदोन्नति समिति ने वर्ष 2023-24 के लिए डिप्टी जेलर से जेलर पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण कर दी है। इस बार कुल 23 डिप्टी जेलर को जेलर बनाया गया है, जिनमें पहली बार सात महिला अधिकारी भी शामिल हुई हैं। यह उपलब्धि विभाग में महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल है।
डीपीसी की बैठक शुक्रवार और शनिवार को आयोजित हुई, जिसमें महानिदेशक पुलिस कारागार गोविंद गुप्ता अध्यक्ष, जेल अधीक्षक मुख्यालय जयपुर प्रमोद सिंह सदस्य तथा अधीक्षक स्पेशल सेंट्रल जेल श्यालावास दौसा पारस जांगिड़ सदस्य सचिव रहे। समिति ने राजस्थान पुलिस अकादमी में लिखित परीक्षा, आउटडोर टेस्ट और साक्षात्कार आयोजित कर पात्र अभ्यर्थियों का चयन किया।
सदस्य सचिव पारस जांगिड़ ने बताया कि जिन अधिकारियों को पदोन्नति दी गई है, उनमें अशोक पारीक, सुषमा सेन, दिव्या चौधरी, सतेंद्र, प्रियंका चौधरी, हिना, सुमन कुमारी, कविता बिश्नोई, रणवीर सिंह, हेमंत भारद्वाज, धर्मवीर (लिफाफा बंद), हेमराज वैष्णव, पवन डउकिया, ताराचंद शर्मा, महेश शर्मा, तरसेम सिंह, मोहम्मद आरिफ खान, ओमप्रकाश शर्मा, बीना मीणा, कालूराम मीणा और भगवान सहाय मीणा शामिल हैं।
गौरतलब है कि इसी वर्ष गत माह लोकोज्ज्वल सिंह और सुगर सिंह को गैलेंट्री प्रमोशन दिया गया था। इस प्रकार कुल 23 अधिकारियों को जेलर पद की जिम्मेदारी मिली है।
इस बार की पदोन्नति प्रक्रिया खास इसलिए भी है क्योंकि पहली बार सात महिला अधिकारी- सुषमा सेन, दिव्या चौधरी, प्रियंका चौधरी, हिना, सुमन कुमारी, कविता बिश्नोई और बीना मीणा को एक साथ जेलर पद पर नियुक्त किया गया है। यह उपलब्धि राजस्थान कारागार विभाग में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।
नवनियुक्त जेलर अब राज्यभर के जिला और केंद्रीय कारागारों में अपनी सेवाएं देंगे। इससे जेल प्रशासन की कार्यक्षमता और पारदर्शिता में वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है।