
लेह में जारी कर्फ्यू के बीच रविवार को भी तनावपूर्ण शांति रही। चिकित्सा जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शहर पूरी तरह बंद रहा। इस बीच लेह हिंसा के दौरान मारे गए चार प्रदर्शनकारियों में से दो का कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया। यहां प्रशासन की ओर से मीडिया या किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के प्रवेश को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया था।
लेह में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं। इसी बीच लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने लेह में पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सोमवार को भी लेह में सभी स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहेंगे। जिन दो प्रदर्शनकारियों का अंतिम संस्कार किया गया उनमें खर्नाक गांव के 25 वर्षीय युवक जिग्मट दोरजे और इगू गांव के रहने वाले 24 वर्षीय स्टेंजिन नमग्याल शामिल थे। दोनों का बौद्ध परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
स्करबुचन गांव के 46 वर्षीय सिवांग थरचिन और हनु के 22 वर्षीय रिंचेन दोरजे का अंतिम संस्कार 29 सितंबर को किया जाएगा। इनमें से सिवांग थरचिन पूर्व सैनिक थे और कारगिल की लड़ाई भी लड़ चुके थे। लेह के हालात और गृह मंत्रालय के साथ बैठक को लेकर लेह एपेक्स बॉडी यानी एलएबी के सदस्यों की भी मीटिंग हुई। लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद यानी एलएएचडीसी के चेयरमैन ताशी ग्यालसन ने भी अंतिम संस्कार में शामिल होने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई।
संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ…
कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में पुलिस और दंगा-रोधी उपकरणों से लैस केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान भारी संख्या में तैनात किए गए हैं, जबकि भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के जवान भी आज सुबह फ्लैग मार्च करते दिखाई दिए। बुधवार को हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए, जबकि दंगों में संलिप्तता के आरोप में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया है।
वांगचुक की पत्नी ने पाकिस्तानी कनेक्शन के आरोपों को नकारा
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने उनके खिलाफ लगाए गए पाकिस्तान लिंक और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने वांगचुक पर हिंसा भड़काने के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि वह हमेशा गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण विरोध करते रहे हैं। अंगमो ने कहा कि 24 सितंबर को सीआरपीएफ की कार्रवाई की वजह से हिंसा भड़की। गीतांजलि ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद से सोनम वांगचुक से संपर्क नहीं हो पाया है और अभी तक गिरफ्तारी आदेश की प्रति भी उन्हें नहीं मिली है। वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा पेशेवर और जलवायु परिवर्तन के विषय पर थी, न कि किसी संदिग्ध गतिविधि के लिए।
लद्दाख की संस्कृति भाजपा और संघ के निशाने पर : राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस लद्दाख के लोगों, संस्कृति और परंपराओं पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की वकालत की। दंगों में कथित संलिप्तता के आरोप में अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। सोशल मीडिया पोस्ट में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, लद्दाखियों ने आवाज उठाई। भाजपा ने चार युवकों की हत्या करके और सोनम वांगचुक को जेल में डालकर जवाब दिया। हत्याएं बंद करो। हिंसा बंद करो। धमकी बंद करो। उन्होंने कहा, लद्दाख को आवाज दो। उन्हें छठी अनुसूची दो।