
गाजियाबाद से नंदनगरी होकर दिल्ली आवागमन करने वालों की राह रविवार से आसान हो जाएगी। लंबे समय से जाम से जूझ रहे लाखों लोगों को राहत मिलेगी। नंदनगरी, भोपुरा व गाजियाबाद से दिल्ली को जोड़ने वाला नंदनगरी फ्लाईओवर पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इसका उद्घाटन करेंगी।
लागत का बड़ा हिस्सा सुरक्षा पर खर्च किया
इस मार्ग पर नंदनगरी, गोकुलपुरी और भजनपुरा जैसे प्रमुख जंक्शन आते हैं जहां अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। फ्लाईओवर शुरू होने से इन इलाकों में रोजाना आवाजाही करने वाले यात्रियों व गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले लोगों को वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। निर्माण में लागत का बड़ा हिस्सा यातायात सुधार और सुरक्षा पर खर्च किया गया है। फ्लाईओवर पर हाई-मास्ट लाइट, सीसीटीवी कैमरे और आधुनिक बैरियर लगाए गए हैं ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम हो। इसके अलावा फ्लाईओवर से जुड़ने वाली सर्विस लेन और अंडरपास का काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है।
बीते माह प्रवेश वर्मा ने किया था निरीक्षण
लाखों लोगों को होगा फायदा
अधिकारियों के अनुसार, नंदनगरी फ्लाईओवर से गोकुलपुरी, भजनपुरा और आसपास की कॉलोनियों के लाखों लोग प्रतिदिन लाभान्वित होंगे। रोजाना कार्यालय जाने वाले कर्मचारी, छात्र और भारी वाहन अब जाम से बचकर तेज और सुरक्षित आवाजाही कर पाएंगे। गाजियाबाद से दिल्ली तक आवागमन करने वाले यात्रियों को भी वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। यह फ्लाईओवर मंडोली जेल परिसर से गगन सिनेमा तक फैला हुआ है। इसके तहत छह यू-टर्न बनाए गए हैं जिससे आसपास की कॉलोनियों के लोग आसानी से सड़क पार कर सकेंगे।
मार्च तक बनेगा राजपूताना राइफल्स के सामने एफओबी
दिल्ली छावनी और रिंग रोड को जोड़ने के लिए शनिवार को राजपूताना राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर के सामने फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) की आधारशिला रखी गई। इसका सेवा पखवाड़े के तहत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शिलान्यास किया। उन्होंने सेना के जवानों को भरोसा दिया कि इसे 180 दिन के भीतर बना दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार ये एफओबी खासकर जवानों की सुविधा व सुरक्षा के लिए बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों से जवानों को इस जगह पर रिंग रोड पार करने में तकलीफ हो रही थी। उनकी सरकार को जैसे ही इसकी जानकारी मिली बिना देरी के ब्रिज बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई। अब निर्माण शुरू हो गया है। इसमें देरी या फंड की कमी नहीं होगी। काम रिकॉर्ड समय में पूरा होगा। वे काम की निगरानी करेंगी। शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद बांसुरी स्वराज, पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, एवीएसएम, वीएसएम लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार आदि मौजूद रहे।
सेना का काम सबसे पहले करेंगे
तीस साल से सैनिकों को थी तकलीफ
मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि तीस साल से यहां सैनिकों को तकलीफ थी। वे सुरक्षा और सुविधा के लिए एफओबी बनाने की मांग कर रहे थे लेकिन पिछली सरकारों ने इसे नजरअंदाज किया। यह मामला जैसे ही उनके संज्ञान में आया तत्काल प्राथमिकता दी गई। बिना किसी विलंब के जरूरी धनराशि मंजूर कर टेंडर जारी किया गया और अब निर्माण शुरू हो गया है। मार्च तक यह तैयार हो जाएगा। ये वीर जवानों के प्रति दिल्ली सरकार का सम्मान है।
जीके को मिली स्वचालित शटल पार्किंग, 399 कारें खड़ी होंगी
ग्रेटर कैलाश-1 में लंबे इंतजार के बाद शनिवर को लोगों को बहुमंजिला स्वचालित शटल पार्किंग की सौगात मिली। यहां 399 कारें खड़ी की जा सकेंगे। सेवा पखवाड़े के तहत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसका उद्घाटन किया। एमसीडी ने इसे 63.74 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पार्किंग बहुत बड़ी समस्या है। स्वचालित पार्किंग से सड़कों पर जाम कम होगा। दिल्ली में करीब 100 स्वचालित पार्किंग की जरूरत है। इससे पार्किंग की समस्या का स्थायी समाधान होगा। सीएम ने विधायकों, पार्षदों और मार्केट एसोसिएशनों से कहा कि वे सुविधाओं और विकास कार्यों के लिए योजना बनाएं दिल्ली सरकार हर संभव वित्तीय सहायता देगी। कोई भी सड़क, नाला व फुटपाथ टूटा-फूटा नहीं रहेगा। क्षेत्र के पार्क सुंदर होंगे। इस मौके पर शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह, सांसद बांसुरी स्वराज, स्थानीय विधायक शिखा रॉय और एमसीडी के अधिकारी मौजूद रहे।
पार्किंग संचालन को प्रक्रिया को समझा
मुख्यमंत्री ने नई स्वचालित शटल पार्किंग का निरीक्षण भी किया। उन्होंने संचालन की प्रक्रिया को समझा। पार्किंग 2245 वर्गमीटर क्षेत्र में बनी है। इसमें वाहन खड़ा करने और निकालने में किसी प्रकार के मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी। पार्किंग का प्रवेश और निकास भूतल से है। बेसमेंट, भूतल के बाद सात मंजिला इमारत है। निर्माण कंपनी दस साल तक इसका संचालन व रखरखाव करेगी। इस परियोजना में 1.5 लाख लीटर क्षमता का भूमिगत जल टैंक, पंप रूम और अग्निशमन सुविधा है। पार्किंग परिसर के बाहर विज्ञापनों से आय आएगी। राजस्व का 30 फीसदी एजेंसी और 70 फीसदी निगम को मिलेगा।